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मिठेश निर्मोही को साहित्य अकादमी पुरस्कार : मरूअंचल के जीवन संघर्ष की राजस्थानी कविता संग्रह मुगति का चयन पुरस्कार के लिए - Rajasthan Sahitya Akademi Award Announcement

साहित्य अकादमी पुरस्कारों में इस बार राजस्थानी भाषा के कविता संग्रह मुगती के लेखक जोधपुर के मिठेश निर्मोही को साहित्य अकादमी अवार्ड (Sahitya Akademi Award for Mitesh Nirmohi) देने की घोषणा की गई है. निर्मोही के इस कविता संग्रह में राजस्थान के जीवन संघर्ष से जुडी कविताएं हैं, जिनको पढ़कर सहज यहां की परस्थितियों व परंपराओं का अनुमान लगाया जा सकता है.

Sahitya Akademi Award for Mitesh Nirmohi
मिठेश निर्मोही को साहित्य अकादमी पुरस्कार
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Published : Dec 31, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Dec 31, 2021, 8:12 PM IST

जोधपुर. सूर्यनगरी जोधपुर के वरिष्ठ साहित्यकार मिठेश निर्मोही को साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा (Rajasthan Sahitya Akademi Award Announcement) की गई है. राजस्थान के साहित्यकार मिठेश निर्मोही ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कविता संग्रह मुगती में प्रकृति से जुड़ी कविताओं में रेगिस्तानी धोरों, पारिस्थितिकी तंत्र, वृद्धजन, मजदूर प्रेम व शांति के विषय को शामिल किया गया है.

जोधपुर के साहित्यकार मिठेश निर्मोही ने बताया कि ये कविताएं व्यक्ति को पढने के बाद संवेदनशील बनाती हैं. उल्लेखनीय है निर्मोही के इस संग्रह पर कमला गोइंका फाउंडेशन ने भी इसी वर्ष मातुश्री कमला गोइंका राजस्थानी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया है.

मिठेश निर्मोही को साहित्य अकादमी पुरस्कार

राजस्थानी को मान्यता नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण

निर्मोही का कहना है कि राजस्थान भाषा को मान्यता नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी है. राजस्थान के करोडों लोगों की भाषा की अनदेखी की जा रही है. जबकि दूसरी और आठवीं अनुसूची में बहुत छोटी छोटी जनसंख्या से जुड़ी भाषाओं को शामिल किया गया है. राजस्थानी भाषा छठी शाताब्दी से चलन में हैं.

पढ़ें- जयपुर और जोधपुर में E Mitra At Home सेवा 1 जनवरी से..घर बैठे मिलेंगे ये दस्तावेज

सीताराम लालस ने दो लाख शब्दो का कोश बनाया था. उन्नत व समृद्ध भाषा को मान्यता मिलना जरूरी है. राजस्थान सरकार इसका प्रस्ताव पारित कर भेज चुकी है. केंद्र सरकार को इसे लागू करना चाहिए. राजस्थान सरकार राजस्थानी को प्रदेश की दूसरी भाषा के रूप में मान्यता दें.

जोधपुर. सूर्यनगरी जोधपुर के वरिष्ठ साहित्यकार मिठेश निर्मोही को साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा (Rajasthan Sahitya Akademi Award Announcement) की गई है. राजस्थान के साहित्यकार मिठेश निर्मोही ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कविता संग्रह मुगती में प्रकृति से जुड़ी कविताओं में रेगिस्तानी धोरों, पारिस्थितिकी तंत्र, वृद्धजन, मजदूर प्रेम व शांति के विषय को शामिल किया गया है.

जोधपुर के साहित्यकार मिठेश निर्मोही ने बताया कि ये कविताएं व्यक्ति को पढने के बाद संवेदनशील बनाती हैं. उल्लेखनीय है निर्मोही के इस संग्रह पर कमला गोइंका फाउंडेशन ने भी इसी वर्ष मातुश्री कमला गोइंका राजस्थानी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया है.

मिठेश निर्मोही को साहित्य अकादमी पुरस्कार

राजस्थानी को मान्यता नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण

निर्मोही का कहना है कि राजस्थान भाषा को मान्यता नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी है. राजस्थान के करोडों लोगों की भाषा की अनदेखी की जा रही है. जबकि दूसरी और आठवीं अनुसूची में बहुत छोटी छोटी जनसंख्या से जुड़ी भाषाओं को शामिल किया गया है. राजस्थानी भाषा छठी शाताब्दी से चलन में हैं.

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सीताराम लालस ने दो लाख शब्दो का कोश बनाया था. उन्नत व समृद्ध भाषा को मान्यता मिलना जरूरी है. राजस्थान सरकार इसका प्रस्ताव पारित कर भेज चुकी है. केंद्र सरकार को इसे लागू करना चाहिए. राजस्थान सरकार राजस्थानी को प्रदेश की दूसरी भाषा के रूप में मान्यता दें.

Last Updated : Dec 31, 2021, 8:12 PM IST
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