ETV Bharat / city

अब मैं जैन धर्म के कठोर नियमों का पालन नहीं कर सकती, मैं अपनी मर्जी से गई थीः साध्वी अनुज्ञा

साध्वी अनुज्ञा ने न्यायाधीश के समक्ष कहा कि उसका अपहरण नहीं हुआ था, वो अपनी मर्जी से गई थी. अब वह जैन धर्म के कठोर नियमों का पालन नहीं कर सकती.

जैन धर्म, Rajasthan News
जैन धर्म
author img

By

Published : Aug 12, 2021, 5:49 PM IST

जोधपुर. जिले के महामंदिर थाना क्षेत्र से जैन साध्वी अनुज्ञा के अपहरण के मामले में नया मोड़ आ गया है. फतेहपुर से जोधपुर आने के बाद साध्वी अनुज्ञा ने पुलिस को कहा कि वह अपनी मर्जी से गई थी वह अब ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहना चाहती है इसलिए वह जोधपुर से अपनी मर्जी से गई थी.

साध्वी अनुज्ञा ने महामंदिर पुलिस को बताया कि वह जैन धर्म के कठोर नियमों का पालन नहीं कर पा रही है, इसलिए उसने ब्रह्म कुमारी विश्वविद्यालय जाना तय किया था. जिनके साथ वह गई थी वह उनके परिचित हैं. मामले की जांच अधिकारी उप निरीक्षक कैलाश पंचारिया ने बताया कि जैन साध्वी ने अपने मर्जी से जाने की बात कही है. उनके न्यायाधीश के समक्ष में बयान करवाए जा रहें हैं.

बता दें, 21 वर्षीय साध्वी अनुज्ञा ने 13 वर्ष की उम्र में जैन संत के रूप में दीक्षा ली थी. उनके माता-पिता नहीं हैं. गुरुवार को साध्वी अनुज्ञा के अपहरण की रिपोर्ट मुकेश बोहरा ने थाने में दी थी, जिसमें बताया गया कि जैन स्थानक में रहने वाली साध्वी का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया है और यह पंजाब नंबर की गाड़ी से उन्हें ले गए हैं. इस पर पुलिस ने नाकेबंदी कराई और आगे के थानों में भी सूचना दी.

यह भी पढ़ेंः विपक्ष के आरोपों के बीच CM गहलोत ने कहा- जल्द मिलेगी प्राकृतिक आपदा से पीड़ितों को सहायता

दोपहर बाद उस गाड़ी को सीकर जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र पुलिस ने रोक कर साध्वी को दस्तयाब कर लिया. वहीं, इसकी सूचना जोधपुर पुलिस को दी. इस पर महामंदिर थाने से कैलाश पंचारिया अपनी टीम के साथ फतेहपुर पहुंचे और साध्वी के साथ अपहरणकर्ताओं को को जोधपुर लेकर गए. इधर, साध्वी के अपनी मर्जी से छोड़ कर जाने की बात जैन समाज में चर्चा बनी हुई है.

वहीं, साध्वी अनुज्ञा ने न्यायाधीश के समक्ष धारा 164 के तहत बयान दिए, जिस पर न्यायाधीश ने साध्वी के बालिग होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा कि वह अपनी मर्जी से कहीं पर भी जाने के लिए स्वतंत्र है, वह कहीं पर भी जा सकती है. इसके साथ ही इस मामले में अब पुलिस की भूमिका लगभग खत्म हो गई है. कोर्ट के समक्ष यह बयान होने के बाद जैन समाज के लोगो की बैठकें हो रही हैं. समाज के लोगों के सामने पहली बार इस तरह की विकट उहापोह की स्थिति बनी है, क्योंकि साध्वी ने जैन धर्म के कठोर नियमों के चलते सन्त जीवन छोड़ने का निर्णय लिया है.

जोधपुर. जिले के महामंदिर थाना क्षेत्र से जैन साध्वी अनुज्ञा के अपहरण के मामले में नया मोड़ आ गया है. फतेहपुर से जोधपुर आने के बाद साध्वी अनुज्ञा ने पुलिस को कहा कि वह अपनी मर्जी से गई थी वह अब ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहना चाहती है इसलिए वह जोधपुर से अपनी मर्जी से गई थी.

साध्वी अनुज्ञा ने महामंदिर पुलिस को बताया कि वह जैन धर्म के कठोर नियमों का पालन नहीं कर पा रही है, इसलिए उसने ब्रह्म कुमारी विश्वविद्यालय जाना तय किया था. जिनके साथ वह गई थी वह उनके परिचित हैं. मामले की जांच अधिकारी उप निरीक्षक कैलाश पंचारिया ने बताया कि जैन साध्वी ने अपने मर्जी से जाने की बात कही है. उनके न्यायाधीश के समक्ष में बयान करवाए जा रहें हैं.

बता दें, 21 वर्षीय साध्वी अनुज्ञा ने 13 वर्ष की उम्र में जैन संत के रूप में दीक्षा ली थी. उनके माता-पिता नहीं हैं. गुरुवार को साध्वी अनुज्ञा के अपहरण की रिपोर्ट मुकेश बोहरा ने थाने में दी थी, जिसमें बताया गया कि जैन स्थानक में रहने वाली साध्वी का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया है और यह पंजाब नंबर की गाड़ी से उन्हें ले गए हैं. इस पर पुलिस ने नाकेबंदी कराई और आगे के थानों में भी सूचना दी.

यह भी पढ़ेंः विपक्ष के आरोपों के बीच CM गहलोत ने कहा- जल्द मिलेगी प्राकृतिक आपदा से पीड़ितों को सहायता

दोपहर बाद उस गाड़ी को सीकर जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र पुलिस ने रोक कर साध्वी को दस्तयाब कर लिया. वहीं, इसकी सूचना जोधपुर पुलिस को दी. इस पर महामंदिर थाने से कैलाश पंचारिया अपनी टीम के साथ फतेहपुर पहुंचे और साध्वी के साथ अपहरणकर्ताओं को को जोधपुर लेकर गए. इधर, साध्वी के अपनी मर्जी से छोड़ कर जाने की बात जैन समाज में चर्चा बनी हुई है.

वहीं, साध्वी अनुज्ञा ने न्यायाधीश के समक्ष धारा 164 के तहत बयान दिए, जिस पर न्यायाधीश ने साध्वी के बालिग होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा कि वह अपनी मर्जी से कहीं पर भी जाने के लिए स्वतंत्र है, वह कहीं पर भी जा सकती है. इसके साथ ही इस मामले में अब पुलिस की भूमिका लगभग खत्म हो गई है. कोर्ट के समक्ष यह बयान होने के बाद जैन समाज के लोगो की बैठकें हो रही हैं. समाज के लोगों के सामने पहली बार इस तरह की विकट उहापोह की स्थिति बनी है, क्योंकि साध्वी ने जैन धर्म के कठोर नियमों के चलते सन्त जीवन छोड़ने का निर्णय लिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.