जोधपुर/उदयपुर. रूस में एक हादसे में जान गवाने वाले हितेन्द्र गरासिया की पार्थिव देह आखिरकार छह माह बाद रूस सरकार भारत भेजने पर सहमत (Russian government ready to give Hitendra garasiya body) हो गई है. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ के समक्ष बुधवार को भारत सरकार के अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल आरडी रोस्तगी ने वीसी के जरिये कोर्ट को बताया कि रूस सरकार शव देने को तैयार है.
उन्होने कोर्ट को बताया कि मृतक के परिवार के रूप में मृतक का कोई सदस्य शव लेने रूस नही पहुचे तो 03 दिसम्बर 2021 को मास्को में कब्रिस्तान में हितेन्द्र के शव को दफना दिया गया है. भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने समझाइस करते हुए भारतीय रीति रिवाज के अनुसार मृतक के शरीर का अंतिम संस्कार करने की आवश्यकता होती है न कि दफनाने की.
इस पर रूस सरकार ने हितेन्द्र के शव को कब्र से बाहर निकालकर भारत सरकार को देने पर सहमति जताई है. संभवत दो तीन दिन में रूस सरकार भारतीय दूतावास को शव सुपुर्द कर देगी. भारत सरकार रूस से हितेन्द्र के शव को दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ले आयेगी. इसके आगे उदयपुर (Hitendra Garasiya body will come to Udaipur) ले जाने के लिए दिल्ली में राजस्थान के अपर मुख्य सचिव सह आवासीय आयुक्त बीकानेर हाउस को कहा गया है.
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इस पर न्यायालय ने एएजी संदीप शाह को निर्देश दिये हैं कि दिल्ली से उदयपुर शव परिजनो तक पहुंचाने (Hitendra Garasiya body from Russia to India) की व्यवस्था राज्य सरकार करे. ब इस मामले में 18 जनवरी को अगली सुनवाई होगी. हितेन्द्र की पत्नि आशा व बच्चों की ओर से अधिवक्ता सुनील पुरोहित ने याचिका पेश करते हुए हितेन्द्र के शव को भारत लाने की गुहार की थी. अधिवक्ता पुरोहित ने कहा कि 17 जुलाई 2021 को रूस में उदयपुर जिले के गोडवा गांव के निवासी हितेन्द्र गरासिया का निधन हो गया था. तब से लेकर आज तक परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव देह का इंतजार कर रहे हैं.
उदयपुर में परिवार ने दिया था धरना
उदयपुर में गरासिया के शव के लिए उनका परिवार भारत सरकार से गुहार लगा रहा था. बुधवार से नई दिल्ली जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरु भी कर दिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने हितेंद्र की मृत्यु की सूचना परिजनों से छह दिनों तक अवैधानिक तरीके से छिपाने का मामला सामने आने के बाद भारत सरकार के प्रति परिजनों का आक्रोश बढ़ गया.
बुधवार को नई दिल्ली जंतर मंतर पर हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष गरासिया ने कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा व अन्य सहयोगियों के साथ प्रदर्शन किया. हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष गरासिया ने जंतर मंतर पर कहा कि भारत सरकार ने ही सुनियोजित तरीके से उसके पिता के शव को रूस में कब्र में दफनावाया. पीयूष ने कहा कि यह बहुत दुखद रहा कि कई बार प्रधानमंत्री कार्यालय व विदेश मंत्रालय जाकर ज्ञापन देने के बावजूद भारत सरकार ने परिजनों की बिना सहमति व सूचना दिए हुये उसके पिता के शव को दफनवा दिया.