जोधपुर. नीट पीजी की कॉउंसलिंग सुप्रीम कोर्ट में लंबित (NEET PG Counseling Pending In Supreme Court) होने से हो रही देरी के विरोध में बीते कई दिनों से प्रदेश भर के रजिडेंट डॉक्टर आंदोलनरत है. लेकिन इनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है. 28 नवंबर से आंदोलनरत डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज (Dr SN Medical College) के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार रात से पूरी तरह से हड़ताल पर जा रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज से जुडे महात्मा गांधी, एमडीएम, केएन चेस्ट व उम्मेद अस्प्ताल में अपनी सेवाएं नहीं देगे. इसका नोटिस भी प्रबंधन को दे दिया है. सोमवार सुबह से ही रेजिडेंट एमडीएम अस्प्ताल में प्रदर्शन (Demonstration in MDM Hospital) पर कर रहे हैं. इनका कहना है कि मामला केंद्र सरकार का है लेकिन राज्य सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है मरीज तो राज्य के ही हैं. राज्य सरकार को भी हमारी बात रखनी चाहिए. लेकिन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तो बात करने के लिए भी तैयार नहीं है.
मरीजों को नहीं हो परेशानी
जोधपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (Jodhpur Association Of Resident Doctors) के अध्यक्ष डॉ संदीप देवात ने बताया कि रविवार को हुई ऑल राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिशन (All Rajasthan Resident Doctors Association) की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है. एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर एमके आसेरी ने बताया कि हमें नोटिस मिल चुका है हमारा प्रयास होगा कि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो.
कोरोना की वजह से नीट पीजी की परीक्षाओं में हुई थी देरी
गोरतलब कोरोना के चलते नीट पीजी की परीक्षाएं करीब 8 माह की देरी से हुई. इस दौरान अंतिम वर्ष के रिजल्ट डॉक्टर पास आउट कर चले गए. लेकिन प्रथम वर्ष के लिए नए रिजल्ट काउंसलिंग अटक जाने से नहीं आए. इसके चलते वर्तमान में द्वितीय वर्ष व अंतिम वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टर को ही सारा काम करना पड़ रहा है. जबकि इस समय में वे बड़े ऑपरेशन सहित अन्य काम करते हैं. मौजूद अंतिम वर्ष के रेजीडेंट का एक साल भी जल्द खत्म हो जाएगा. लेकिन वे ज्यादातर समय वार्ड के कामों में ही उलझे रहे. अब अगर प्रथम वर्ष के समय रहते रेजिडेंट नही आते हैं तो पूरी व्यवस्था चरमरा जाएगी. इसका सीधा असर मरीज के उपचार तो पड़ ही रहा साथ ही रेजिडेंट के रिसर्च सहित अन्य काम प्रभावित हो रहे हैं.