जोधपुर. कोरोना मरीजों को दी जाने वाली जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर को लेकर भी रिएक्शन सामने आने लगे हैं. 2 दिन पहले मथुरा दास माथुर अस्पताल में कुछ मरीजों को इंजेक्शन लगने के बाद एलर्जी हो गई तो कुछ को तेज बुखार गया जिसके बाद इंजेक्शन लगाना रोक दिया गया था. कुछ ऐसी शिकायतें निजी अस्पतालों से भी सामने आई. हालांकि एमिनेम अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी कोई रिपोर्ट नहीं दी है. बुधवार से अस्पतालों में फिर से इंजेक्शन दिए जाने शुरू कर दिए गए हैं.
अधीक्षक डॉ. एमके आशु जी का कहना है कि कुछ लोगों में एलर्जी टाइप रिएक्शन की जानकारी आई थी. इसके चलते डॉक्टर की सलाह पर इंजेक्शन रोके गए. लेकिन बुधवार को वापस एहतियात के साथ लगाना शुरू कर दिए हैं. किसी तरह की परेशानी अब मरीजों में सामने नहीं आ रही है. एमडीएम अस्पताल की जनाना विंग मैं सोमवार को भर्ती कुछ मरीजों को जब यह इंजेक्शन लगाया गया तो मरीजों को सर्दी होने लगी जिसके बाद कर्मचारियों डॉक्टर को सूचित किया. इसके बाद इंजेक्शन लगाना रोक दिया गया था. कुछ को एंटी एलर्जी दवाई भी दी गई.
इधर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि रिएक्शन की जानकारी मिली थी लेकिन मेडिकल कॉलेज या कहीं से रिपोर्ट नहीं मिली है. सम्भवत इंजेक्शन लगाने के दौरान निभाए जाने वाले प्रोटोकॉल में चूक होने से तेज बुखार जैसी शिकायत हो सकती है.
धीमी रफ्तार से लगाना होता है
रेमडेसिविर इंजेक्शन को सलाइन के साथ मरीज के शरीर में लगाया जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की स्थिति के हिसाब से इसकी रफ्तार रखी जाती है. सामान्यतः बहुत धीमी गति से चढ़ाया जाता है. कई बार अगर तेज गति से इंजेक्शन लगता है तो शरीर में कंपन, सर्दी जैसे साइड इफेक्ट सामने आते हैं. आज एमडीएम अस्पताल में पूरी सावधानी पूर्वक इंजेक्शन लगाने वापस शुरू कर दिए गए हैं.