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जोधपुर: जांच में दोषी पाए गए मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर को निलंबित करने की सिफारिश

जोधपुर के संभागायुक्त कार्यालय में जन सुनवाई के दौरान दी गई एक शिकायत पर की गई जांच में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग के सह आचार्य डॉ. प्रदीप शर्मा दोषी पाए गए हैं. जिसके बाद संभागीय आयुक्त ने इस मामले में कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.

Case against doctor jodhpur, डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा जोधपुर
प्रोफेसर को निलंबित करने की सिफारिश
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Published : Sep 7, 2020, 11:08 PM IST

जोधपुर. संभागीय आयुक्त कार्यालय में जन सुनवाई के दौरान दी गई एक शिकायत पर संभागीय कार्यालय की ओर से करवाई गई जांच में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग के सह आचार्य डॉ. प्रदीप शर्मा दोषी पाए गए हैं.

प्रोफेसर को निलंबित करने की सिफारिश

संभागीय आयुक्त समित शर्मा ने इस मामले में 4 प्रकार की कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग को डॉ. प्रदीप शर्मा को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने एवं 16 सीसी की कार्रवाई के लिए कहा गया है, इसके अलावा मेडिकल काउंसिल को प्रदीप शर्मा के खिलाफ पीनल एक्शन के लिए लिखा गया है. साथ ही जोधपुर पुलिस कमिश्नर को भी आपराधिक मामले में जांच पूरी करने के लिए भी साक्ष्य दिए गए हैं. इसके अलावा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा की गई है.

खास बात यह है कि जोधपुर में पहली बार किसी सरकारी डॉक्टर के निजी अस्पताल में काम करने को लेकर इतनी बड़ी जांच हुई है, और उसे दोषी पाया गया है. दुर्गा विहार निवासी 4 वर्षीय ध्रुव को 30 जुलाई को शहर के विनायक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां उसकी पथरी का ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत खराब होने पर उसे एम्स रेफर किया गया. जहां वेंटीलेटर पर रखने के बावजूद उसकी मौत हो गई.

इस मृत्यु के बाद ध्रुव की मां की ओर से इस संबंध में डॉक्टर के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया गया. लेकिन पुलिस ने जांच में तेजी नहीं दिखाई. इसके बाद परिजनों ने संभागीय आयुक्त के समक्ष जनसुनवाई में अपनी वेदना रखी जिस पर संभागीय आयुक्त समित शर्मा ने चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक यदुवीर सिंह, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त असलम मैहर, डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य यूडी शर्मा और एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक एमके आसेरी को शामिल करते हुए कमेटी बनाई. जिसकी रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हुई है.

जांच कमेटी ने विनायक अस्पताल और संबंधित डॉक्टर प्रदीप शर्मा को लापरवाही का दोषी माना है. गौरतलब है कि निजी अस्पताल की संचालिका डॉ. प्रदीप शर्मा की पत्नी है.

पढ़ें- जोधपुर : निजी बस और कंटेनर में जबरदस्त भिड़ंत, 18 जख्मी

मरीज बुलाने के लिए एजेंट का सहारा

जांच में यह सामने आया है कि विनायक अस्पताल के डॉ. प्रदीप शर्मा ने ध्रुव का उपचार करने के लिए एक एजेंट को फोन किया था. उस एजेंट ने परिजनों से कहा कि अस्पताल ले आओ उसका ऑपरेशन हो जाएगा और उसके एवज में 20 हजार रुपए लिए गए. जब मामला बिगड़ा तो परिजनों का आरोप है कि डॉ. शर्मा और उसके लोगों ने उन्हें पहले रुपए देने का प्रयास किया. उसके बाद धमकाया जिसके ऑडियो उन्होंने कमेटी को सौंपी हैं.

जोधपुर. संभागीय आयुक्त कार्यालय में जन सुनवाई के दौरान दी गई एक शिकायत पर संभागीय कार्यालय की ओर से करवाई गई जांच में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग के सह आचार्य डॉ. प्रदीप शर्मा दोषी पाए गए हैं.

प्रोफेसर को निलंबित करने की सिफारिश

संभागीय आयुक्त समित शर्मा ने इस मामले में 4 प्रकार की कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग को डॉ. प्रदीप शर्मा को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने एवं 16 सीसी की कार्रवाई के लिए कहा गया है, इसके अलावा मेडिकल काउंसिल को प्रदीप शर्मा के खिलाफ पीनल एक्शन के लिए लिखा गया है. साथ ही जोधपुर पुलिस कमिश्नर को भी आपराधिक मामले में जांच पूरी करने के लिए भी साक्ष्य दिए गए हैं. इसके अलावा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा की गई है.

खास बात यह है कि जोधपुर में पहली बार किसी सरकारी डॉक्टर के निजी अस्पताल में काम करने को लेकर इतनी बड़ी जांच हुई है, और उसे दोषी पाया गया है. दुर्गा विहार निवासी 4 वर्षीय ध्रुव को 30 जुलाई को शहर के विनायक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां उसकी पथरी का ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत खराब होने पर उसे एम्स रेफर किया गया. जहां वेंटीलेटर पर रखने के बावजूद उसकी मौत हो गई.

इस मृत्यु के बाद ध्रुव की मां की ओर से इस संबंध में डॉक्टर के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया गया. लेकिन पुलिस ने जांच में तेजी नहीं दिखाई. इसके बाद परिजनों ने संभागीय आयुक्त के समक्ष जनसुनवाई में अपनी वेदना रखी जिस पर संभागीय आयुक्त समित शर्मा ने चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक यदुवीर सिंह, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त असलम मैहर, डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य यूडी शर्मा और एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक एमके आसेरी को शामिल करते हुए कमेटी बनाई. जिसकी रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हुई है.

जांच कमेटी ने विनायक अस्पताल और संबंधित डॉक्टर प्रदीप शर्मा को लापरवाही का दोषी माना है. गौरतलब है कि निजी अस्पताल की संचालिका डॉ. प्रदीप शर्मा की पत्नी है.

पढ़ें- जोधपुर : निजी बस और कंटेनर में जबरदस्त भिड़ंत, 18 जख्मी

मरीज बुलाने के लिए एजेंट का सहारा

जांच में यह सामने आया है कि विनायक अस्पताल के डॉ. प्रदीप शर्मा ने ध्रुव का उपचार करने के लिए एक एजेंट को फोन किया था. उस एजेंट ने परिजनों से कहा कि अस्पताल ले आओ उसका ऑपरेशन हो जाएगा और उसके एवज में 20 हजार रुपए लिए गए. जब मामला बिगड़ा तो परिजनों का आरोप है कि डॉ. शर्मा और उसके लोगों ने उन्हें पहले रुपए देने का प्रयास किया. उसके बाद धमकाया जिसके ऑडियो उन्होंने कमेटी को सौंपी हैं.

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