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रियलिटी चेक: शेल्टर हाउस में 100 से ज्यादा श्रमिक, सोशल डिस्टेंसिंग की नहीं हो रही पालना - Municipal Corporation Shelter House

जोधपुर में पलायन कर रहे मजदूरों को रोककर नगर निगम की ओर से शेल्टर हाउस में रुकने की व्यवस्था की गई है. जहां उन्हें हर रोज निगम की ओर से सुबह-शाम खाने की व्यवस्था की जाती है. लेकिन जब ईटीवी भारत ने यहां का रियलिटी चेक किया तो पाया कि यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो रही है.

जोधपुर के शेल्टर हाउस में नहीं हो रही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना,  Social distancing in jodhpur Shelter House
जोधपुर के शेल्टर हाउस में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना
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Published : Apr 6, 2020, 7:04 PM IST

जोधपुर. प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद शहर से पलायन कर रहे मजदूरों को रोककर नगर निगम की ओर से शेल्टर हाउस में रुकने की व्यवस्था की गई है. शहर में करीब एक दर्जन शेल्टर हाउस वर्तमान में चल रहे हैं. जहां प्रतिदिन नगर निगम की ओर से सुबह-शाम भोजन की व्यवस्था की गई है, लेकिन यहां सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करवाई जा रही है.

जोधपुर के शेल्टर हाउस में नहीं हो रही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना

नगर निगम के प्रतापनगर स्थित शेल्टर हाउस में 100 से ज्यादा श्रमिकों को रखा गया है. यह सभी मध्यप्रदेश, झारखंड और झालावाड़ के रहने वाले है, जो जोधपुर के आसपास के क्षेत्र में जीरे की फसल निकालने आये हुए थे. लेकिन काम शुरू हुए तीन दिन ही हुए थे कि लॉकडाउन की घोषणा हो गई. ऐसे में इन सभी लोगों ने पैदल ही निकलने का निर्णय लिया.

पढ़ें- Special: परिवार बार-बार फोन कर कहता है, 'सावधान रहो'....कोरोना से सीधी जंग में शामिल ये रियल हीरो

जोधपुर शहर में आने के बाद सभी को नगर निगम ने अपने शेल्टर हाउस में रखा जहां प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच होती है. सुबह और शाम को निगम की ओर से भोजन के पैकेट पहुंचाए जाते है. शेल्टर हाउस के प्रभारी प्रताप सिंह बताते है कि वह होली के बाद से यहीं पर हैं.

उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सभी लोगों को कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस की पालना के लिए कहा जाता है. लेकिन कुछ देर बाद फिर से सभी एक ही जगह पर जमा हो जाते हैं. बता दें कि शहर में करीब 12 शेल्टर हाउस हैं, जिनमें 4 हजार लोगों को रखा गया है.

जोधपुर. प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद शहर से पलायन कर रहे मजदूरों को रोककर नगर निगम की ओर से शेल्टर हाउस में रुकने की व्यवस्था की गई है. शहर में करीब एक दर्जन शेल्टर हाउस वर्तमान में चल रहे हैं. जहां प्रतिदिन नगर निगम की ओर से सुबह-शाम भोजन की व्यवस्था की गई है, लेकिन यहां सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करवाई जा रही है.

जोधपुर के शेल्टर हाउस में नहीं हो रही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना

नगर निगम के प्रतापनगर स्थित शेल्टर हाउस में 100 से ज्यादा श्रमिकों को रखा गया है. यह सभी मध्यप्रदेश, झारखंड और झालावाड़ के रहने वाले है, जो जोधपुर के आसपास के क्षेत्र में जीरे की फसल निकालने आये हुए थे. लेकिन काम शुरू हुए तीन दिन ही हुए थे कि लॉकडाउन की घोषणा हो गई. ऐसे में इन सभी लोगों ने पैदल ही निकलने का निर्णय लिया.

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जोधपुर शहर में आने के बाद सभी को नगर निगम ने अपने शेल्टर हाउस में रखा जहां प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच होती है. सुबह और शाम को निगम की ओर से भोजन के पैकेट पहुंचाए जाते है. शेल्टर हाउस के प्रभारी प्रताप सिंह बताते है कि वह होली के बाद से यहीं पर हैं.

उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सभी लोगों को कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस की पालना के लिए कहा जाता है. लेकिन कुछ देर बाद फिर से सभी एक ही जगह पर जमा हो जाते हैं. बता दें कि शहर में करीब 12 शेल्टर हाउस हैं, जिनमें 4 हजार लोगों को रखा गया है.

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