जोधपुर. अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीड़न प्रकरण की पीठासीन अधिकारी डॉ. मनीषा चौधरी ने दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. मामले के अनुसार परिवादिया ने 16 जून 2020 को पुलिस थाना करवड़ में रिपोर्ट पेश की. जिसमें बताया गया कि उसके मकान से कुछ दूर एक युवक रहता है जो उसे बहन कहता है.
आरोपी जून 2019 में उसे रामदेवरा दर्शन के लिए ले गया और वहां मार्केट में खरीददारी करने के दौरान उसे चाय पिलाई. जिसमें आरोपी ने कुछ नशीला पदार्थ मिला दिया था. जिससे वह बेहोश हो गई. फिर आरोपी उसे धर्मशाला में लेकर गया और वहां पर उसके साथ बलात्कार किया और उसकी वीडियो बना ली. जब पीड़िता को होश तो उसने विरोध किया. जिसपर आरोपी ने वीडियो वायरल करने की धमकी दी.
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इसके बाद फिर आरोपी ने 20 नवम्बर 2019 को धमकी देकर युवती के साथ ओसियां में बलात्कार किया. इसके साथ ही फिर 15 जून 2020 को आरोपी ने पीड़िता को अकेली देखकर साथ चलने का कहा और धमकी दी. बाद में पीड़िता ने घर आकर परिवारजनों को सारी बात बताई और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.
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जिसके बाद से आरोपी 18 जून 2020 से ही पुलिस और न्यायिक अभिरक्षा में है. वहीं अपर लोक अभियोजक शबनम बानों और परिवादिया के अधिवक्ता विजेन्द्रसिंह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ गंभीर प्रकृति के आरोप है. आरोपी के विरूद्ध 376 (2) (च) (ट) भादस के तहत गंभीर प्रकृति के अपराध का आरोप है. फिलहाल कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी सेठाराम के जमानत प्रार्थना पत्र का नामंजूर करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया.