जोधपुर. राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल का शुभारंभ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जोधपुर के (Rajiv Gandhi Khel Rural Olympics Begins) पाल गांव में किया. झंडारोहण के बाद पहली प्रतियोगिता कबड्डी की रखी गई. मुख्यमंत्री गहलोत प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करने मैदान में पहुंचे. इस दौरान बेहद रोचक नजारा देखने को मिला. मुख्यमंत्री खुद मैदान में उतर आए और कबड्डी खेलने लगे.
एक पाले में सीएम तो दूसरे में खेल मंत्री: खेल के शुभारंभल से पहले सीएम गहलोत खिलाड़ियों से मिलने और उनका हौसला अफजाई करने के लिए मैदान में पहुंचे थे. इस दौरान खेल मंत्री अशोक चांदना ने सीएम से कबड्डी खेलने के लिए कहा. जिसपर मुख्यमंत्री राजी हो गए. इसके बाद कबड्डी के दो पाले बने. जिसमें मुख्यमंत्री के पाले में राज्य खेल परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया खुद जाकर खड़ी हो गईं. वहीं सामने के पाले में खेल मंत्री अशोक चांदना, प्रभारी मंत्री डा. सुभाष गर्ग और विधायक महेंद्र विश्नोई थे.
गहलोत बोले कबड्डी कबड्डी: रेफरी ने सिटी बजाई और खेल शुरू हो गया. सबसे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हंसते हंसते अपने पाले से निकले और (CM Gehlot Played Kabaddi) कबड्डी कबड्डी बोलते हुए सामने के पाले में प्रवेश कर गए. जहां महेंद्र विश्नोई और अन्य खड़े लोगों के पास जाकर जमकर ठहाका लगाया.
पूनिया और चांदना की खींचतान: खेल मंत्री अशोक चांदना ने ही ग्रामीण ओलंपिक के लिए मुख्यमंत्री को राजी किया था. इस बीच उन्होंने सीएम के सचिव को लेकर टिप्पणी कर सबको हैरान कर दिया. सरकार ने खेल परिषद की अध्यक्ष के रूप में विधायक कृष्णा पूनिया को नियुक्ति दे दी. इससे भी चांदना परेशान हो गए. वहीं दोनों के बीच खींचतान रहने लगी.
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हाल ही में जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में भी चांदना नाराज नजर आए जिसमें गहलोत भी मौजूद थे. सोमवार को जोधपुर में भी उन्हें कृष्णा पूनिया के बाद में संबोधन के लिए बुलाया गया जिसपर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आजकल सच कम बोला जाता है, झूठ बार-बार बोला जाता है. उन्होंने कहा कि सच ये है कि प्रदेश में खिलाड़ियों को आउट आफ टर्म नौकरी देने की पॉलिसी बनी हुई थी, लेकिन उन्हें मिली नहीं थी. इसकी शुरुआत के लिए बहुत परिश्रम किया गया .
बीकानेर में भी खेल महाकुंभ की शुरुआत: बीकानेर में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल सोमवार को शुरू हुआ. जिले में 1 लाख 14 हजार से अधिक खिलाड़ी पंजीकृत थे. लेकिन जिले के खाजूवाला में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी आयोजन में नजर नहीं आया. वहीं कई खेलों में खिलाड़ियों की एक-एक टीम ही दिखी. जिला स्तरीय समारोह बरसिंहसर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में आयोजित हुआ. जहां कृषि एवं पशुपालन मंत्री तथा जिला प्रभारी मंत्री लाल चंद कटारिया और शिक्षा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने ध्वजारोहण और रंग-बिरंगे गुब्बारे हवा में छोड़कर खेलों की विधिवत शुरूआत की.
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डाॅ. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पारंपरिक (Rajiv Gandhi Khel Rural Olympics in Bikaner) खेलों को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है. राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच का परिणाम है. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के दो वर्षों में लोगों का जीवन रुक सा गया. खेलकूद प्रतियोगिताएं पूर्ण रूप से ठप हो गई. ऐसे में राजीव गांधी ग्रामीण खेलों की बदौलत प्रदेश भर में खेलों के प्रति सकारात्मक वातावरण बनेगा. साथ ही गांव-गांव की खेल प्रतिभाएं आगे आएंगी.
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कृषि एवं पशुपालन मंत्री तथा जिला प्रभारी मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान के खिलाड़ी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल करें. इन खिलाड़ियों को खेलों से जुड़ी सभी आधारभूत सुविधाएं मिलें, इसके मद्देनजर सरकार पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों से गांव-गांव में खेलों को लेकर माहौल बदल सकेगा. प्रदेश के 30 लाख से अधिक खिलाड़ी और 2 लाख से अधिक टीमें इसमें खेल रही हैं.
कटारिया ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष का बजट युवाओं को समर्पित होगा. इस बजट का सबसे बड़ा लाभ खिलाड़ियों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए दो प्रतिशत कोटा निर्धारित किया है. सरकार की ओर से खिलाड़ियों को आउट आफ टर्म नौकरी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि होनहार युवा इन अवसरों का लाभ उठाएं.