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युवती ने कहा- दबाव में हुई थी शादी तो हाईकोर्ट ने आत्मचिंतन के लिए नारी निकेतन भेजा - जोधपुर न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक युवती को नारी निकेतन भेज दिया है. चूरू के रहने वाले युवक-युवती ने घर से भाग कर जोधपुर शहर के आर्य समाज मंदिर में विवाह कर लिया था. लेकिन बाद में युवती ने अपनी शादी को दबाव में होना बताया तो उच्च न्यायालय ने एक बार फिर से आत्म चिंतन के लिए नारी निकेतन भेजने के साथ निर्देश दिया कि उसे किसी से ना मिलने दिया जाये.

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युवती ने कहा- दबाव में हुई थी शादी तो हाईकोर्ट ने आत्मचिंतन के लिए नारी निकेतन भेजा
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Published : May 11, 2021, 10:06 PM IST

जोधपुर. चूरू के रहने वाले युवक-युवती ने घर से भाग कर जोधपुर शहर के आर्य समाज मंदिर में विवाह तो कर लिया लेकिन अब युवती ने अपनी शादी को दबाव में होना बताया तो उच्च न्यायालय ने एक बार फिर से आत्म चिंतन के लिए नारी निकेतन भेजने के साथ निर्देश दिया कि वहा उसे किसी से ना मिलने दिया जाये. चूरू के खींवाराम ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए बताया कि उसने युवती के साथ आर्य समाज में शादी कर ली. लेकिन युवती के परिजनों ने युवती को बंधक बनाकर रखा है.

पढ़ें: Rajasthan corona Update : राजस्थान में कोरोना के 16080 नए मामले, 169 मरीजों की मौत, आज रिकवर हुए 13198

उच्च न्यायालय ने याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए चूरू पुलिस को निर्देश दिये थे कि युवती को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाये. मंगलवार को उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष युवती को पेश किया गया. युवती ने न्यायालय के समक्ष बताया कि उसने युवक से आर्य समाज में शादी कर ली थी लेकिन वो शादी दबाव में की गई है.

साथ ही न्यायालय के समक्ष एक याचिक जीवन की सुरक्षा के लिए भी एकलपीठ के समक्ष दायर कर रखी है. उच्च न्यायालय ने युवती को मुक्त वातावरण में चिंतन कर सके इसीलिए नारी निकेतन भेजने का निर्देश दिया है. वही 15 मई को याचिका पर अगली सुनवाई होगी.

जोधपुर. चूरू के रहने वाले युवक-युवती ने घर से भाग कर जोधपुर शहर के आर्य समाज मंदिर में विवाह तो कर लिया लेकिन अब युवती ने अपनी शादी को दबाव में होना बताया तो उच्च न्यायालय ने एक बार फिर से आत्म चिंतन के लिए नारी निकेतन भेजने के साथ निर्देश दिया कि वहा उसे किसी से ना मिलने दिया जाये. चूरू के खींवाराम ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए बताया कि उसने युवती के साथ आर्य समाज में शादी कर ली. लेकिन युवती के परिजनों ने युवती को बंधक बनाकर रखा है.

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उच्च न्यायालय ने याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए चूरू पुलिस को निर्देश दिये थे कि युवती को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाये. मंगलवार को उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष युवती को पेश किया गया. युवती ने न्यायालय के समक्ष बताया कि उसने युवक से आर्य समाज में शादी कर ली थी लेकिन वो शादी दबाव में की गई है.

साथ ही न्यायालय के समक्ष एक याचिक जीवन की सुरक्षा के लिए भी एकलपीठ के समक्ष दायर कर रखी है. उच्च न्यायालय ने युवती को मुक्त वातावरण में चिंतन कर सके इसीलिए नारी निकेतन भेजने का निर्देश दिया है. वही 15 मई को याचिका पर अगली सुनवाई होगी.

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