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राजस्थान हाईकोर्ट ने जेलर भारत भूषण हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी को खुला बंदी शिविर भेजने के दिए निर्देश

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है. हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी के मामले में कहा कि सरकार याचिकाकर्ता को खुला बंदी शिविर में भेजे.

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Published : Jan 25, 2021, 10:38 PM IST

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राजस्थान हाईकोर्ट ने जेलर भारत भूषण हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी को खुला बंदी शिविर भेजने के दिए निर्देश

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है. हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के मामले में कहा कि सरकार याचिकाकर्ता को खुला बंदी शिविर में भेजे. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता सजा यापता नरेन्द्र उर्फ मुकेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया.

अधिवक्ता कालूराम भाटी ने याचिकाकर्ता नरेन्द्र की ओर से पक्ष रखते हुए बताया कि हत्या के मामले में सजायाप्ता था. इसी दौरान जोधपुर की सेंट्रल जेल में जेलर भारत भूषण की हत्या भी उसने कर दी. पहले मामले में वह बरी हो चुका है जबकि जेलर की हत्या के मामले में जोधपुर की अदालत से पूर्ण जीवनकाल तक आजीवन कारावास की सजा हो रखी है. याचिकाकर्ता ने सरकार के समक्ष खुला बंदी शिविर में भेजने के लिए आवेदन किया लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया.

पढे़ं: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा- बिना लाइसेंस पशु रखने वालों पर क्या कार्रवाई हुई

राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पूर्व में भी याचिका पेश होने पर याचिकाकर्ता के आवेदन पर पुर्नविचार के निर्देश दिए थे. समिति ने कहा कि जेलर की हत्या करने की वजह से यदि बंदी को खुला बंदी शिविर में भेजा जाता है तो न केवल जेल प्रशासन हतोत्साहित होगा बल्कि ऐसी घटना करने वाले बंदियों का हौसला भी बुलंद होगा. न्यायालय के आदेश की पालना में बंदी के प्रकरण पर पुर्नविचार कर समिति द्वारा सर्वसम्मति से बंदी नरेन्द्र को खुला बंदी शिविर में नहीं भिजवाए जाने का निर्णय लिया.

समिति के निर्णय को दुबारा राजस्थान उच्च न्यायालय में अधिवक्ता कालूराम भाटी के जरिए चुनौती दी गई. उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि बंदी को खुला बंदी शिविर में भेजा जाए.

तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम टीएसपी में रिक्त सीटों को लेकर जवाब मांगा

राजस्थान हाईकोर्ट ने अध्यापक तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम टीएसपी में रिक्त रही सीटों पर कम्पलिट वेटिंग लिस्ट जारी नहीं करने पर सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. न्यायाधीश दिनेश मेहता ने याचिकाकर्ता रोशनलाल पतेला और अन्य की ओर से पेश याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता वीएलएस राजपुरोहित ने याचिका पेश कर बताया कि सरकार ने विधानसभा में पेश रिपोर्ट में टीएसपी एरिया में अध्यापक तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम की 198 सीटें रिक्त होना बताया था, उसके बाद उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई.

रिपोर्ट में कुल 136 सीटें रिक्त होना बताया परन्तु अभी हाल ही में जारी की गई वेटिंग लिस्ट में सिर्फ 30 अभ्यर्थियों को ही चयनित किया गया. न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया. वही सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास को याचिका की कॉपी देने के निर्देश के साथ 15 फरवरी को अगली सुनवाई मुकरर्र की है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है. हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के मामले में कहा कि सरकार याचिकाकर्ता को खुला बंदी शिविर में भेजे. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता सजा यापता नरेन्द्र उर्फ मुकेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया.

अधिवक्ता कालूराम भाटी ने याचिकाकर्ता नरेन्द्र की ओर से पक्ष रखते हुए बताया कि हत्या के मामले में सजायाप्ता था. इसी दौरान जोधपुर की सेंट्रल जेल में जेलर भारत भूषण की हत्या भी उसने कर दी. पहले मामले में वह बरी हो चुका है जबकि जेलर की हत्या के मामले में जोधपुर की अदालत से पूर्ण जीवनकाल तक आजीवन कारावास की सजा हो रखी है. याचिकाकर्ता ने सरकार के समक्ष खुला बंदी शिविर में भेजने के लिए आवेदन किया लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया.

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राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पूर्व में भी याचिका पेश होने पर याचिकाकर्ता के आवेदन पर पुर्नविचार के निर्देश दिए थे. समिति ने कहा कि जेलर की हत्या करने की वजह से यदि बंदी को खुला बंदी शिविर में भेजा जाता है तो न केवल जेल प्रशासन हतोत्साहित होगा बल्कि ऐसी घटना करने वाले बंदियों का हौसला भी बुलंद होगा. न्यायालय के आदेश की पालना में बंदी के प्रकरण पर पुर्नविचार कर समिति द्वारा सर्वसम्मति से बंदी नरेन्द्र को खुला बंदी शिविर में नहीं भिजवाए जाने का निर्णय लिया.

समिति के निर्णय को दुबारा राजस्थान उच्च न्यायालय में अधिवक्ता कालूराम भाटी के जरिए चुनौती दी गई. उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि बंदी को खुला बंदी शिविर में भेजा जाए.

तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम टीएसपी में रिक्त सीटों को लेकर जवाब मांगा

राजस्थान हाईकोर्ट ने अध्यापक तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम टीएसपी में रिक्त रही सीटों पर कम्पलिट वेटिंग लिस्ट जारी नहीं करने पर सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. न्यायाधीश दिनेश मेहता ने याचिकाकर्ता रोशनलाल पतेला और अन्य की ओर से पेश याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता वीएलएस राजपुरोहित ने याचिका पेश कर बताया कि सरकार ने विधानसभा में पेश रिपोर्ट में टीएसपी एरिया में अध्यापक तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम की 198 सीटें रिक्त होना बताया था, उसके बाद उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई.

रिपोर्ट में कुल 136 सीटें रिक्त होना बताया परन्तु अभी हाल ही में जारी की गई वेटिंग लिस्ट में सिर्फ 30 अभ्यर्थियों को ही चयनित किया गया. न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया. वही सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास को याचिका की कॉपी देने के निर्देश के साथ 15 फरवरी को अगली सुनवाई मुकरर्र की है.

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