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पाक विस्थापितों को राशन कार्ड जारी नहीं करने पर HC ने सरकार से मांगा जवाब - hearing in high court

राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर हाईकोर्ट ने बुधवार को पाक विस्थापितों के मामले में सुनवाई की है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पाक विस्थापितों को राशन कार्ड जारी नहीं करने के संबंध में प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.

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पाक विस्थापितों को लेकर हाईकोर्ट ने की सुनवाई
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Published : Aug 19, 2020, 9:33 PM IST

जोधपुर. पाक विस्थापितों के लांग टर्म और शॉर्ट टर्म विजा व अन्य सुविधाओं को लेकर स्वप्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में बुधवार को कोविड- 19 महामारी तथा लॉकडाउन में पाक विस्थापितों को परेशानी उठानी पड़ी, उसको लेकर सुनवाई हुई.

पाक विस्थापितों को लेकर हाईकोर्ट ने की सुनवाई

न्यायमित्र अधिवक्ता सज्जन सिंह राठौड़ ने हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए गए सब्मिशन के संबंध में पक्ष रखते बताया कि सब्मिशन में तीन विषय उठाए गए हैं, जिन पर आवश्यक आदेश तुरंत दिए जाने चाहिए. इसमें से पहला विषय राज्य सरकार द्वारा इस याचिका में पारित आदेश 1 सितंबर 2017 की पालना में राशन कार्ड जारी न करने का विषय है. राशन कार्ड नहीं होने के कारण विस्थापितों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत तीन महीने के लिए मुफ्त खाद्यान्न का लाभ नहीं मिल रहा है. यह प्रार्थना की कि तुरंत विस्थापितों को राशन कार्ड जारी किया जाए और यदि किसी कारण से जारी न किया जा सके तो राशन कार्ड की अनुपस्थिति में प्रवासियों को इस योजना के तहत शामिल किया जाए.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट: लॉकडाउन में पाक विस्थापितों की समस्याओं को लेकर दायर जनहित याचिका को रिकॉर्ड पर लेने के आदेश

सुनवाई के दौरान दूसरा विषय था नूरी (Noori) (भारत लौटने के लिए कोई आपत्ति नहीं) का जिसके तहत पाक विस्थापित जो दीर्घकालिक वीजा और अल्पकालिक वीजा के तहत भारत में रह रहे थे. साथ ही अपने बीमार रिश्तेदारों/पहचान पत्रों/पासपोर्टों को नवीनीकृत करने के लिए पाकिस्तान गए थे. लेकिन वे पाकिस्तान में फंसे हुए हैं. कोविड- 19 संकट के कारण और अंतरराष्ट्रीय मार्गों के बंद हो जाने के कारण भारत लौटने के लिए वीजा अनुमति की समय समाप्ति के कारण वही फंसे हुए हैं. एमईए और एमएचए भारत सरकार को निर्देश दिया गया है कि वे पाकिस्तान में फंसे विस्थापितों को वापस भारत लाने के लिए वीजा की समयावधि बढ़ाई जाए. जो कोविड- 19 की वजह से अंतरराष्ट्रीय मार्गों के बंद होने के कारण समाप्त हो गया था. इसमें वहां फंसे हुए प्रवासियों की गलती नहीं है.

यह भी पढ़ेंः 29 वर्ष से कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सक को हाईकोर्ट से मिली राहत

वहीं सुनवाई का तीसरा विषय था नागरिकता संशोधन अधिनियम- 2019 के क्रियान्वयन के संबंध में, कि नागरिकता प्रदान करने के लिए संशोधन के बाद बड़ी संख्या में विस्थापित अब पात्र हो गए हैं, जो नागरिकता मिलने की राह देख रहे हैं. लेकिन संशोधन प्रावधान के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. हालांकि प्रक्रिया अभी तक निर्धारित नहीं है और अभी नियम नहीं बनाए गए हैं. इसलिए पात्र विस्थापित आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर उठाए गए विषयों पर जवाब देने के लिए कहा और राज्य सरकार से राशन कार्ड जारी न करने के मुद्दे पर जवाब देने को कहा. अब इस मामले में 27 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

जोधपुर. पाक विस्थापितों के लांग टर्म और शॉर्ट टर्म विजा व अन्य सुविधाओं को लेकर स्वप्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में बुधवार को कोविड- 19 महामारी तथा लॉकडाउन में पाक विस्थापितों को परेशानी उठानी पड़ी, उसको लेकर सुनवाई हुई.

पाक विस्थापितों को लेकर हाईकोर्ट ने की सुनवाई

न्यायमित्र अधिवक्ता सज्जन सिंह राठौड़ ने हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए गए सब्मिशन के संबंध में पक्ष रखते बताया कि सब्मिशन में तीन विषय उठाए गए हैं, जिन पर आवश्यक आदेश तुरंत दिए जाने चाहिए. इसमें से पहला विषय राज्य सरकार द्वारा इस याचिका में पारित आदेश 1 सितंबर 2017 की पालना में राशन कार्ड जारी न करने का विषय है. राशन कार्ड नहीं होने के कारण विस्थापितों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत तीन महीने के लिए मुफ्त खाद्यान्न का लाभ नहीं मिल रहा है. यह प्रार्थना की कि तुरंत विस्थापितों को राशन कार्ड जारी किया जाए और यदि किसी कारण से जारी न किया जा सके तो राशन कार्ड की अनुपस्थिति में प्रवासियों को इस योजना के तहत शामिल किया जाए.

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सुनवाई के दौरान दूसरा विषय था नूरी (Noori) (भारत लौटने के लिए कोई आपत्ति नहीं) का जिसके तहत पाक विस्थापित जो दीर्घकालिक वीजा और अल्पकालिक वीजा के तहत भारत में रह रहे थे. साथ ही अपने बीमार रिश्तेदारों/पहचान पत्रों/पासपोर्टों को नवीनीकृत करने के लिए पाकिस्तान गए थे. लेकिन वे पाकिस्तान में फंसे हुए हैं. कोविड- 19 संकट के कारण और अंतरराष्ट्रीय मार्गों के बंद हो जाने के कारण भारत लौटने के लिए वीजा अनुमति की समय समाप्ति के कारण वही फंसे हुए हैं. एमईए और एमएचए भारत सरकार को निर्देश दिया गया है कि वे पाकिस्तान में फंसे विस्थापितों को वापस भारत लाने के लिए वीजा की समयावधि बढ़ाई जाए. जो कोविड- 19 की वजह से अंतरराष्ट्रीय मार्गों के बंद होने के कारण समाप्त हो गया था. इसमें वहां फंसे हुए प्रवासियों की गलती नहीं है.

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वहीं सुनवाई का तीसरा विषय था नागरिकता संशोधन अधिनियम- 2019 के क्रियान्वयन के संबंध में, कि नागरिकता प्रदान करने के लिए संशोधन के बाद बड़ी संख्या में विस्थापित अब पात्र हो गए हैं, जो नागरिकता मिलने की राह देख रहे हैं. लेकिन संशोधन प्रावधान के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. हालांकि प्रक्रिया अभी तक निर्धारित नहीं है और अभी नियम नहीं बनाए गए हैं. इसलिए पात्र विस्थापित आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर उठाए गए विषयों पर जवाब देने के लिए कहा और राज्य सरकार से राशन कार्ड जारी न करने के मुद्दे पर जवाब देने को कहा. अब इस मामले में 27 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

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