जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर का नाम एफआईआर में नामजद नहीं होने के बावजूद आंशका होने पर दायर याचिका में राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिए हैं.
जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत में विधायक दिलावर की ओर से अधिवक्ता श्याम लादरेचा व उनके सहयोगी देवेन्द्रसिंह पिडियार ने याचिका पेश करते हुए पक्ष रखा. याचिका में बताया गया कि विधानसभा उपचुनाव में राजसमंद में चुनाव प्रचार के दौरान याचिकाकर्ता विधायक मदन दिलावर, सांसद दीया कुमारी पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे. इसी दोरान थानाधिकारी कक्ष में सामने वाली पार्टी के कुछ लोग घुसकर सांसद दीया कुमारी व विधायक मदन दिलावर को धमकाने लगे व हमला करने लगे.
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इस पर सांसद दीया कुमारी की ओर से थाना राजनगर जिला राजसमंद में एफआईआर 155/ 2021 दर्ज भी करवा दी गई. जिस पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी एक एफआईआर 153/ 2021 दर्ज करवा दी. अधिवक्ता लादरेचा ने बताया कि उनको आंशका है कि विधायक मदन दिलावर नामजद नहीं है परन्तु पुलिस उन्हें एफआईआर की आड में कभी भी बेवजह गिरफ्तार कर सकती है. न्यायालय ने नोटिस जारी करते हुए विधायक दिलावर को गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिये हैं साथ ही उनको अनुसंधान में सहयोग के लिए भी निर्देश दिये हैं.