जोधपुर. राज्य में मादक पदार्थों के बढ़ते कारोबार को लेकर पिछले साल राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर की गई जनहित याचिका में गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अलावा अन्य को भी पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विजय विश्नोई की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से एएजी फरजंद अली पेश हुए. उन्होने अब तक उठाये गये कदमों को लेकर जानकारी दी.
उन्होने एक प्रार्थना पत्र पेश करते हुए नशे के कारोबार पर प्रभावी कदम उठाने के लिए केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, नियंत्रक औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग राजस्थान को भी पक्षकार बनाने की प्रार्थना की.
यह भी पढ़ेंः मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त आनंदपाल गैंग के गुर्गे ने कबूला उड़ीसा कनेक्शन
उच्च न्यायालय ने नारकोटिक्स ब्यूरो, नियंत्रक औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के लिए एएसजी मुकेश राजपुरोहित और सामाजिक न्याय विभाग के लिए एएजी अनिल गौड़ को नोटिस जारी किया है.
वहीं, हर्षद भादु अधिवक्ता को न्यायमित्र नियुक्त किया गया है. एएजी फरजंद अली ने पुलिस महानिदेशक की ओर से अब तक किये गये कार्यों की जानकारी दी. अब तक उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया. इसके साथ ही स्वापक औषधियों और मन: प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित रूपरेखा भी बताई.