ETV Bharat / city

राजस्थान हाईकोर्ट ने BSNL की याचिका को किया खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने BSNL की याचिका को खारिज कर दिया है और केजुअल लेबर को रेगुलर करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा हाईकोर्ट ने कैट के निर्णय पर हस्तक्षेप करने से इनकार भी कर दिया.

rajasthan High court rejected BSNL petition,  rajasthan High court news
बीएसएनएल की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज
author img

By

Published : Jul 30, 2020, 4:56 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने BSNL की याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस संगीत लोढा और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए कैट की ओर से विभाग में वर्ष 1983 में नियुक्त केजुअल लेबर को नियमित वेतन और बैक वेजेज के साथ नियमित किए जाने के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. वहीं अप्रार्थी केजुअल लेबर पुखराज सैन के नियमित मजदूर के रूप में पिछली तिथियों से नियमित किये जाने पर मोहर लग गई है.

याचिकाकर्ता ने BSNL की ओर से केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण कैट की जोधपुर बैंच की ओर से 14 मार्च, 2019 को जारी उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें उसे उसके मूल नियुक्ति की तिथि से ग्रुप-डी के तहत नियमित वेतन श्रृंखला सहित नियमित किए जाने बाबत निर्देश के साथ स्वीकार किया गया था.

अप्रार्थी ने कोर्ट में तर्क दिया था कि सुप्रीम कोर्ट में उमादेवी बनाम कर्नाटक सरकार मामले की नजीरो और उसी नजीर के आधार पर बीएसएनएल में ही एक अन्य कर्मचारी रमेशचन्द्र शर्मा जिसकी सर्विस भी अप्रार्थी के साथ बर्खास्त कर दी गई थी. बाद में उसे लेबर कोर्ट के अवार्ड पर पुन:नियमित सेवा में बहाल किया गया था. उसकी पे स्लिप कोर्ट में पेश की गई.

यह भी पढ़ें : जयपुर: छेड़छाड़ के मामले में पॉक्सो अदालत ने सुनाई 15 माह की सजा

इस तरह की नजीरे पेश करने के बाद खंडपीठ ने कैट के निर्णय को सही बताते हुए उसमें हस्तक्षेप से इनकार कर दिया और बीएसएनएल की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कमलकिशोर दवे ने और अप्रार्थी की ओर से अनिरूद्ध पुरोहित ने पैरवी की.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने BSNL की याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस संगीत लोढा और जस्टिस रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए कैट की ओर से विभाग में वर्ष 1983 में नियुक्त केजुअल लेबर को नियमित वेतन और बैक वेजेज के साथ नियमित किए जाने के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. वहीं अप्रार्थी केजुअल लेबर पुखराज सैन के नियमित मजदूर के रूप में पिछली तिथियों से नियमित किये जाने पर मोहर लग गई है.

याचिकाकर्ता ने BSNL की ओर से केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण कैट की जोधपुर बैंच की ओर से 14 मार्च, 2019 को जारी उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें उसे उसके मूल नियुक्ति की तिथि से ग्रुप-डी के तहत नियमित वेतन श्रृंखला सहित नियमित किए जाने बाबत निर्देश के साथ स्वीकार किया गया था.

अप्रार्थी ने कोर्ट में तर्क दिया था कि सुप्रीम कोर्ट में उमादेवी बनाम कर्नाटक सरकार मामले की नजीरो और उसी नजीर के आधार पर बीएसएनएल में ही एक अन्य कर्मचारी रमेशचन्द्र शर्मा जिसकी सर्विस भी अप्रार्थी के साथ बर्खास्त कर दी गई थी. बाद में उसे लेबर कोर्ट के अवार्ड पर पुन:नियमित सेवा में बहाल किया गया था. उसकी पे स्लिप कोर्ट में पेश की गई.

यह भी पढ़ें : जयपुर: छेड़छाड़ के मामले में पॉक्सो अदालत ने सुनाई 15 माह की सजा

इस तरह की नजीरे पेश करने के बाद खंडपीठ ने कैट के निर्णय को सही बताते हुए उसमें हस्तक्षेप से इनकार कर दिया और बीएसएनएल की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कमलकिशोर दवे ने और अप्रार्थी की ओर से अनिरूद्ध पुरोहित ने पैरवी की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.