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राजस्थान हाईकोर्ट ने लॉकडाउन तोड़ने की सूचना देने पर दर्ज मुकदमे की कार्रवाई पर लगाई रोक

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Published : May 4, 2020, 9:06 PM IST

लॉकडाउन तोड़ने की सूचना देने पर आरटीआई कार्यकर्ता के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे में राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है. साथ ही प्रकरण की केस डायरी और तथ्यात्मक रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए.

Rajasthan High Court, राजस्थान हाईकोर्ट
Rajasthan High Court

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लॉकडाउन तोड़ने की सूचना देने पर आरटीआई कार्यकर्ता के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे में सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है. साथ ही अनुसंधान अधिकारी को प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट और केस डायरी पेश करने के आदेश दिए हैं.

लॉकडाउन तोड़ने की सूचना देने पर दर्ज मुकदमे की कार्रवाई पर रोक

श्रीगंगानगर जिले में नई मंडी घड़साना पुलिस थानान्तर्गत आरटीआई कार्यकर्ता कमल मारवाल ने प्रशासन को सूचना दी थी कि एसडीएम के परिवारजन लॉकडाउन की स्थिति में कोविड-19 संक्रमित जयपुर से श्रीगंगानगर में आए हैं. उन्होंने इस संबंध में फेसबुक पर पोस्ट भी लिखी थी.

जिस पर एसडीएम के निर्देश पर वरिष्ठ सहायक ने कमल मारवाल के खिलाफ नई मंडी घड़साना पुलिस थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज करवा दिया था. कमल मारवाल के वकील रजाक के. हैदर ने एफआईआर को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि लॉकडाउन तोड़कर कोविड-19 संक्रमित जिले से आने वाले लोगों की प्रशासन को सूचना देने पर मुकदमा दर्ज करना कानून का दुरुपयोग है. साथ ही जागरूक नागरिकों को हतोत्साहित करने का प्रयास है.

पढ़ें: Corona से मौत के बाद शव से परिजनों ने बनाई दूरी, प्रशासन को करना पड़ा अंतिम संस्कार

जबकि सरकार ने बाहर से आने वाले लोगों की सूचनाएं जुटाने के लिए शिक्षकों और नर्सिंग कर्मियों की ड्यूटी लगा रखी है. इसमें सहयोग करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है. सूचना की जांच करना और कार्रवाई करना प्रशासन की जिम्मेदारी है. वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई के बाद जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश देते हुए, प्रकरण की केस डायरी और तथ्यात्मक रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लॉकडाउन तोड़ने की सूचना देने पर आरटीआई कार्यकर्ता के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे में सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है. साथ ही अनुसंधान अधिकारी को प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट और केस डायरी पेश करने के आदेश दिए हैं.

लॉकडाउन तोड़ने की सूचना देने पर दर्ज मुकदमे की कार्रवाई पर रोक

श्रीगंगानगर जिले में नई मंडी घड़साना पुलिस थानान्तर्गत आरटीआई कार्यकर्ता कमल मारवाल ने प्रशासन को सूचना दी थी कि एसडीएम के परिवारजन लॉकडाउन की स्थिति में कोविड-19 संक्रमित जयपुर से श्रीगंगानगर में आए हैं. उन्होंने इस संबंध में फेसबुक पर पोस्ट भी लिखी थी.

जिस पर एसडीएम के निर्देश पर वरिष्ठ सहायक ने कमल मारवाल के खिलाफ नई मंडी घड़साना पुलिस थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज करवा दिया था. कमल मारवाल के वकील रजाक के. हैदर ने एफआईआर को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि लॉकडाउन तोड़कर कोविड-19 संक्रमित जिले से आने वाले लोगों की प्रशासन को सूचना देने पर मुकदमा दर्ज करना कानून का दुरुपयोग है. साथ ही जागरूक नागरिकों को हतोत्साहित करने का प्रयास है.

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जबकि सरकार ने बाहर से आने वाले लोगों की सूचनाएं जुटाने के लिए शिक्षकों और नर्सिंग कर्मियों की ड्यूटी लगा रखी है. इसमें सहयोग करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है. सूचना की जांच करना और कार्रवाई करना प्रशासन की जिम्मेदारी है. वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई के बाद जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश देते हुए, प्रकरण की केस डायरी और तथ्यात्मक रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए.

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