जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की ओर से प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को राहत नहीं मिली (No relief for Medical Colleges from HC) है. इनकी मांग मेडिकल सीटों को बढ़ाने की थी. हाईकोर्ट की मुख्यपीठ ने एमबीबीएस और पीजी की सीटों पर याचिकाकर्ता मेडिकल कॉलेजों को नए सत्र में शामिल करने से इनकार करते हुए कहा जिनको प्रवेश दे दिया वही अंतरिम आदेश रहेगा (Interim Order of Rajasthan HC for Medical Colleges) नए प्रवेश के लिए अनुमति नही दी जा सकती है.
याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई जुलाई माह में होगी. जस्टिस विजय विश्नोई की अदालत में गीताजंलि मेडिकल कॉलेज सहित चार कॉलेज ने याचिकाएं पेश की थीं.याचिकाकर्ताओं की ओर से बड़े बड़े अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा लेकिन राहत नही मिली. वहीं नेशनल मेडिकल कमिशन की ओर से अधिवक्ता आरएस सलूजा और सरकार की ओर से एएजी मनीष व्यास ने पक्ष रखा. उन्होने कोर्ट को बताया कि इन कॉलेजों ने एमबीबीएस एवं पीजी में सीटें बढ़ाने के आवेदन किए थे.
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इसी दौरान कमिशन की ओर से औचक निरीक्षण करवाया गया तो कई कमियां पाई गई थीं इसीलिए सत्र 21-22 की रिक्त सीटों पर प्रवेश देने पर रोक लगाते हुए काउंसलिंग में शामिल करने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस स्तर पर कोर्ट कोई आदेश पारित नही कर सकता है. जिनको प्रवेश दे दिया उनके लिए पहले ही अंतरिम आदेश दिया जा चुका है. स्थगन याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई जुलाई माह में की जायेगी.