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संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी को नोटिस

राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विजय विश्नोई ने संजीवनी पीड़ित संघ की याचिका पर सुनवाई की. न्यायाधीश ने पक्षकार बनाए गए यूनियन ऑफ इंडिया सहित सभी 17 पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. जिसमें केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी को भी नोटिस जारी किया गया.

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Published : Dec 22, 2020, 10:57 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 6:47 AM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विजय विश्नोई ने संजीवनी पीड़ित संघ की याचिका पर सुनवाई की. न्यायाधीश ने पक्षकार बनाए गए यूनियन ऑफ इंडिया सहित सभी 17 पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. जिसमें केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी को भी नोटिस जारी किया गया.

अधिवक्ता अमित कुमार पुरोहित और मधुसुदन पुरोहित ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका पेश किया था, जिसमें बताया गया कि संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी में काफी निवेशकों ने भारी रकम निवेश की थी. सोसायटी द्वारा निवेशकों रकम नहीं लौटाई गई. जिस पर निवेशकों ने संजीवनी पीड़ित संघ के नाम से संस्था बनाई. संस्था की ओर से कोर्ट में याचिका पेश की गई, जिसमें जीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी ने भारी निवेश करवाकर विक्रम सिंह और उसके साथियों छल कपट किया. फर्जी रिकॉर्ड पोस्टर दिखा कर निवेशकों को धोखे में रखा.

पढ़ें: 5 साल तक टिकेगी गहलोत सरकार, केंद्रीय मंत्री शेखावत के मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे : अर्जुन सिंह बामनिया

उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका में आग्रह किया गया कि मामले की जांच ईडी, एसएफआईओ, सीबीआई से कराई जाए. निवेशकों को भुगतान करवाया जाए. उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए पक्षकार बनाए गए सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही स्टे के भी नोटिस जारी किए गए. संस्था की ओर से यूनियन ऑफ इंडिया सहित सोसायटी के विक्रम सिंह, विनोद कंवर, केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी नौनंद कंवर को भी पक्षकार बनाया गया है.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विजय विश्नोई ने संजीवनी पीड़ित संघ की याचिका पर सुनवाई की. न्यायाधीश ने पक्षकार बनाए गए यूनियन ऑफ इंडिया सहित सभी 17 पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. जिसमें केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी को भी नोटिस जारी किया गया.

अधिवक्ता अमित कुमार पुरोहित और मधुसुदन पुरोहित ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका पेश किया था, जिसमें बताया गया कि संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी में काफी निवेशकों ने भारी रकम निवेश की थी. सोसायटी द्वारा निवेशकों रकम नहीं लौटाई गई. जिस पर निवेशकों ने संजीवनी पीड़ित संघ के नाम से संस्था बनाई. संस्था की ओर से कोर्ट में याचिका पेश की गई, जिसमें जीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी ने भारी निवेश करवाकर विक्रम सिंह और उसके साथियों छल कपट किया. फर्जी रिकॉर्ड पोस्टर दिखा कर निवेशकों को धोखे में रखा.

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उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका में आग्रह किया गया कि मामले की जांच ईडी, एसएफआईओ, सीबीआई से कराई जाए. निवेशकों को भुगतान करवाया जाए. उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए पक्षकार बनाए गए सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही स्टे के भी नोटिस जारी किए गए. संस्था की ओर से यूनियन ऑफ इंडिया सहित सोसायटी के विक्रम सिंह, विनोद कंवर, केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी नौनंद कंवर को भी पक्षकार बनाया गया है.

Last Updated : Dec 23, 2020, 6:47 AM IST
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