भरतपुर: सर्दी तेज होने के साथ ही भरतपुर के इष्टदेव श्रीबांके बिहारी जी ने भी ऊनी वस्त्र धारण कर लिए हैं. अब ठाकुरजी को भी सर्दी सताने लगी है, इसलिए अब ठाकुरजी को सर्दी से बचने के लिए कई तरह के जतन किए जाने लगे हैं. सर्दी आते ही भगवान बांके बिहारी के जागने से लेकर शयन तक की दिनचर्या और भोग में भी परिवर्तन आ गया है. साथ ही मंदिर में आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है. अब ठाकुरजी के भोग में भी गर्म तासीर के खाद्य पदार्थ शामिल किए गए हैं.
बांके बिहारी मंदिर के पुजारी मनोज भारद्वाज ने बताया कि सर्दी की दस्तक के साथ ही भगवान की दिनचर्या में परिवर्तन हो गया है. ठाकुरजी अब सुबह 5 बजे के बजाय सुबह 5.30 बजे जागते हैं. उसके बाद अभिषेक किया जाता है, फिर मंगला आरती और इसके बाद सुबह 7 बजे तक श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. उसके बाद सुबह 9 बजे श्रृंगार आरती होती है. शाम को 5 बजे फिर से रात 9 बजे तक दर्शन होते हैं.ठाकुर जी को सर्दी से बचाने के लिए पोशाक में भी बदलाव कर दिया गया है.
अब ठाकुर जी को मोटे व गर्म कपड़े जैसे रजाई, शॉल, गर्म टोपी, स्वेटर आदि पहनाई जाती है. सर्दी की वजह से रात को सोने का समय भी जल्दी कर दिया गया है. इसके अलावा ठाकुरजी के भोग में भी सर्दी के अनुसार बदलाव किया गया है. भोग में गर्म तासीर के खाद्य व पेय पदार्थों को शामिल किया गया है. अब ठाकुर जी को तीनों पहर खड़े मसालों से बनी खिचड़ी, बाजरे की खिचड़ी, महेरी, गर्म दूध, तिली से बनी गजक, तिली के लड्डू आदि का भोग लगाया जाता है. घरों में बिराजने वाले लड्डू गोपाल (बाल रूप कृष्ण भगवान) के लिए भी बाजार में गर्म कपड़े रजाई और गद्दों की बिक्री बढ़ गई है. अपने-अपने घरों में बाल गोपाल की पूजा आराधना करने वाले श्रद्धालु ठाकुर जी को गर्म कपड़े पहनाने लगे हैं.