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राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन अलग-अलग मामले में गृह विभाग को नोटिस जारी कर किया जबाव-तलब - न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग

राजस्थान हाईकोर्ट ने अलग-अलग मामलों में गृह विभाग को नोटिस जारी किया है. यह आदेश न्यायाधीक्ष की एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई में दिए.

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राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह विभाग को जारी की नोटिस
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Published : May 21, 2020, 8:19 AM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन अलग-अलग मामलों में गृह विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है. लॉकडाउन पीरियड के दौरान जबकि अदालतों में सिर्फ अति आवश्यक सुनवाई हो रही है. लेकिन अपने विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ कथित दमनात्मक कार्यवाही किए जाने की याचिकाओं की सुनवाई में नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह विभाग को जारी की नोटिस

यह आदेश न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं खुशाला राम, सुरेन्द्र सिंह और पूर्व में राजेन्द्र शर्मा की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई में दिए. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता एसपी शर्मा ने सभी मामलों में पैरवी की. शर्मा ने बताया कि पहले मामले में बाड़मेर पुलिस के तहत याचिकाकर्ता खुशालाराम की कांस्टेबल के रूप में साल 1987 में नियुक्ति हुई थी. याचिकाकर्ता भाट जाति से थे, जिनको बाद में एसटी वर्ग का घोषित कर दिया गया. इन दिनों याचिकाकर्ता के गांव से किसी ने इस आशय की शिकायत के साथ डीजीपी को पत्र लिखा कि याचिकाकर्ता ने फर्जी दस्तावेजों से अपने आप को एसटी वर्ग का बताते हुए नियुक्ति प्राप्त कर ली.

यह भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री शिक्षक और शहरी आवासीय योजना का 27 मई को यूडीएच मंत्री धारीवाल करेंगे शिलान्यास

इस पर गृह विभाग ने याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी और बर्खास्त तक करने की तैयारी कर ली. इस पर अधिवक्ता शर्मा ने आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी में पाया कि खुशालाराम के समय बाड़मेर में सिर्फ दो पद पर ही नियुक्ति मिली थी. इस लिए एसटी की सीट होने का सवाल ही नहीं उठता, दोनों ही पद सामान्य वर्ग से भरे गए. इस पर कोर्ट ने पूर्व में याचिकाकर्ता को निलंबित किए जाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब अप्रैल माह में विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए याची के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के आदेश जारी कर दिए.

इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. दूसरे मामले में विभागीय कार्यप्रणाली से त्रस्त होकर होमगार्ड विभाग ने अपने उच्चाधिकारियों से स्थानीय प्रशासन की शिकायत की तो स्थानीय प्रशासन ने याचिकाकर्ता होमगार्ड सुरेन्द्र सिंह और प्लाटून कमांडर राजेन्द्र शर्मा सहित एक महिला होमगार्ड आदि को 15 अप्रैल 2020 को नौकरी से ही निकाल दिया. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर अब नोटिस जारी कर गृह विभाग से जवाब-तलब किया गया है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन अलग-अलग मामलों में गृह विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है. लॉकडाउन पीरियड के दौरान जबकि अदालतों में सिर्फ अति आवश्यक सुनवाई हो रही है. लेकिन अपने विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ कथित दमनात्मक कार्यवाही किए जाने की याचिकाओं की सुनवाई में नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह विभाग को जारी की नोटिस

यह आदेश न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं खुशाला राम, सुरेन्द्र सिंह और पूर्व में राजेन्द्र शर्मा की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई में दिए. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता एसपी शर्मा ने सभी मामलों में पैरवी की. शर्मा ने बताया कि पहले मामले में बाड़मेर पुलिस के तहत याचिकाकर्ता खुशालाराम की कांस्टेबल के रूप में साल 1987 में नियुक्ति हुई थी. याचिकाकर्ता भाट जाति से थे, जिनको बाद में एसटी वर्ग का घोषित कर दिया गया. इन दिनों याचिकाकर्ता के गांव से किसी ने इस आशय की शिकायत के साथ डीजीपी को पत्र लिखा कि याचिकाकर्ता ने फर्जी दस्तावेजों से अपने आप को एसटी वर्ग का बताते हुए नियुक्ति प्राप्त कर ली.

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इस पर गृह विभाग ने याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी और बर्खास्त तक करने की तैयारी कर ली. इस पर अधिवक्ता शर्मा ने आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी में पाया कि खुशालाराम के समय बाड़मेर में सिर्फ दो पद पर ही नियुक्ति मिली थी. इस लिए एसटी की सीट होने का सवाल ही नहीं उठता, दोनों ही पद सामान्य वर्ग से भरे गए. इस पर कोर्ट ने पूर्व में याचिकाकर्ता को निलंबित किए जाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब अप्रैल माह में विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए याची के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के आदेश जारी कर दिए.

इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. दूसरे मामले में विभागीय कार्यप्रणाली से त्रस्त होकर होमगार्ड विभाग ने अपने उच्चाधिकारियों से स्थानीय प्रशासन की शिकायत की तो स्थानीय प्रशासन ने याचिकाकर्ता होमगार्ड सुरेन्द्र सिंह और प्लाटून कमांडर राजेन्द्र शर्मा सहित एक महिला होमगार्ड आदि को 15 अप्रैल 2020 को नौकरी से ही निकाल दिया. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर अब नोटिस जारी कर गृह विभाग से जवाब-तलब किया गया है.

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