ओसियां (जोधपुर). भारतीय किसान संघ के आह्वान पर 5 अगस्त से सभी तहसील मुख्यालयों पर किसानों का धरना चल रहा है. राज्य सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध के अन्तर्गत किसान संघ ने जोधपुर में डिस्कॉम मुख्यालय के बाहर महापड़ाव डालने की घोषणा की. साथ ही गांवों में किसानों को महापड़ाव में शामिल होने के लिए पीले चावल बांटे गए.
इसी क्रम में जोधपुर के ओसियां विधानसभा क्षेत्र से हजारों किसान मंगलवार को चाडी चौराहे पर स्थित अनिश्चितकालीन धरना स्थल से जोधपुर कूच कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने किसानों को ओसियां के बाहर खेतेश्वर सर्किल पर रोक दिया गया. इसको लेकर किसान आक्रोशित हो गए, आक्रोशित किसानों ने स्टेट हाईवे- 61 पर बैठ गए और सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की.
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भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष तुलछाराम सिंवर और तहसील अध्यक्ष रामनरायण जांगू ने बताया की बीते 21 दिन से धरने पर बैठे किसानोंं की सुध न लेकर सरकार ने किसानों के प्रति असंवेदनशीलता की हद पार कर ली. किसानों के नाम पर सत्ता में आने वाली सरकार का किसानों के प्रति रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में आक्रोशित किसानों ने जोधपुर डिस्कॉम कार्यालय के आगे महापड़ाव का निर्णय लिया है. किसान संघ के आह्वान पर महापड़ाव में शामिल होने के लिए हजारों किसान जोधपुर कूच कर रहे थे. इस दौरान सरकार के इशारे पर पुलिस ने किसानों को बीच में रोककर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की, जो दुभाग्यपूर्ण है.
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वहीं किसानों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती, तब तक आर-पार की लड़ाई जारी रहेगी. वही किसानों ने ओसियां में रात्रि महापड़ाव डालकर आंदोलन जारी रखा. उधर, पुलिस प्रशासन भी किसान आंदोलन को लेकर पूरी तरह सर्तक दिखाई दिया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील के पंवार, एडिशनल एसपी फलौदी दीपक कुमार, वृत्ताधिकारी दिनेश मीणा, ओसियां थानाधिकारी बाबूराम डेलू और मतोड़ा थानाधिकारी नेमाराम ईनाणिया सहित पुलिस बल मौजूद रहा.
ये हैं किसानों कि प्रमुख मांगे...
ओलावृष्टि, टिड्डी हमले और पाला गिरने से हुए फसली नुकसान का उचित पैकेज दिया जाए, कोरोना के दौरान 6 महीने के कृषि और घरेलू बिजली बिल माफ किए जाएं और पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बिजली बिल पर दिए जाने वाले 833 रुपए का अनुदान दोबारा शुरू करने की 21 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान बीते 21 दिन से तहसील मुख्यालय पर धरना दे रहे हैं. बावजूद उसके भी अभी तक किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी है.