जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ की जज रेखा बोराणा ने नगर निगम दक्षिण आयुक्त की याचिका पर सुनवाई के बाद सशर्त अंतरिम आदेश पारित किया है कि यदि डेढ़ करोड़ रुपये जमा करवाते हैं तो (Rajasthan High Court Order) उनके सीज खातों को शुरू कर दिया जाए. आयुक्त नगर निगम दक्षिण की ओर से अधिवक्ता हरीश पुरोहित व अधिवक्ता सुनील पुरोहित ने याचिका पेश कर बताया कि भविष्य निधी अर्थात पीएफ कार्यालय की ओर से दो अलग-अलग रिकवरी के आदेश जारी किए गए.
जिसमें करीब 32 करोड़ 95 लाख रुपये रिकवरी के आदेश थे. राशि जमा नहीं करवाने पर (Jodhpur Nigam South Bank Accounts Freeze Case) पीएफ कार्यालय की ओर से एचडीएफसी बैंक व कैनरा बैंक में निगम खातों को फ्रीज करने के निर्देश देते हुए उनको कहा कि वे यह राशि जमा करवाएं. इस पर उन आदेशों को चुनौती देते हुए कहा गया कि जो राशि वसूली जानी है वो उस समय की है, जब नगर निगम जोधपुर कहलाता था. अब तो उसके दो पार्ट हो गए हैं.
नगर निगम उत्तर व नगर निगम दक्षिण, जबकि पीएफ विभाग केवल नगर निगम दक्षिण से ही यह राशि वसूल कर रहा है, वो वैधानिक नहीं है. जबकि निगम के दो पार्ट होने पर एक समिति का गठन किया गया था, जो कि वित्तीय देनदारिया तय करने के लिए है. लेकिन अभी तक वित्तीय देनदारिया तय नहीं हो पाई है. इस पर कोर्ट ने राहत देते हुए कहा कि चार सप्ताह में याचिकाकर्ता निगम दक्षिण की ओर से डेढ़ करोड रुपये जमा करवाए जाते हैं तो बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया जाएगा. वहीं, चार सप्ताह में समिति दोनों निगमों की वित्तीय देनदारियां तय करे. यदि चार सप्ताह में देनदारियां तय नहीं हुईं तो यह स्थगन आदेश निरस्त हो जाएगा.