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जोधपुर AIIMS में स्थापित की गई PET-CT इमेजिंग मशीन, कैंसर और दिल के रोगियों को मिलेगा लाभ

जोधपुर के आसपास के लोगों को अब रेडियोथेरेपी के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. मरीजों को कम लागत में रेडियोथेरेपी उपलब्ध कराने वाली मशीन अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी जोधपुर एम्स में चालू कर दी गई है और इसकी लागत भी बाजार के मुकाबले बहुत कम होगी. जानकारी के अनुसार यह चार्ज दिल्ली एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ की दरों के आसपास ही होगी.

जोधपुर AIIMS, Rajasthan News
जोधपुर AIIMS में स्थापित की गई PET-CT इमेजिंग मशीन
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Published : Feb 4, 2021, 2:32 PM IST

जोधपुर. कैंसर के मरीजों को कम लागत में रेडियोथेरेपी उपलब्ध कराने वाली मशीन अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में चालू कर दी गई है. लीनियर एक्सीलेटर इलेक्ट्रा वरसा एचडी मशीन की सुविधा शुरू होने से जोधपुर के आसपास के कैंसर मरीजों को आधुनिक थेरेपी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. वहीं, बाजार में अभी रेडियोथेरेपी के लिए 1.50 से 2 लाख रुपए देने पड़ते हैं, जो अब सस्ते हो जाएंगे. हालांकि, अभी इस थेरेपी के लिए निश्चित शुल्क तय नहीं किया गया है.

जानकारी के अनुसार यह चार्ज दिल्ली एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ की दरों के आसपास ही होगी. एम्स में करीब 43 करोड़ की लागत से मशीन और उसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है. मशीन को भारत सरकार के ऑटोमेटिक रेगुलेरिटी बोर्ड से किसी भी प्रकार के कैंसर में रेडियोथेरेपी देने के लिए मान्यता भी मिल गई है. अभी एम्स प्रशासन की ओर से मरीजों को यह थेरेपी मुफ्त दी जा रही है. इस अत्याधुनिक मशीन का फायदा यह है कि इससे कैंसर संक्रमित अंग पर ही फोकस होने से शरीर के अन्य हिस्सों पर रेडिएशन का दुष्प्रभाव नहीं होगा.

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डिपार्टमेंट ऑफ रेडियो थेरेपी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पुनीत पारीक ने बताया कि मशीन को अभी प्रथम फेस के लिए शुरू किया गया है, जिसमें बच्चेदानी के ट्यूमर, आंत के ट्यूमर, ब्रेन में होने वाले मल्टीपल ट्यूमर वाले मरीजों को मशीन से थेरेपी दी जा रही है. वहीं, जल्द ही फेज दो स्टार्ट किया जाएगा, इसमें शरीर के संवेदनशील स्थलों पर होने वाले सूक्ष्म ट्यूमर वाले मरीजों प्रोस्टेट ब्रेन और फेफड़ों में सूक्ष्म जगहों पर होने वाले ट्यूमर के मरीजों को भी मशीन के जरिए थेरेपी देकर इलाज किया जाएगा. साथ ही बताया कि सूक्ष्म जगह होने वाले ट्यूमर में यह ध्यान रखना पड़ता है कि शरीर के अन्य हिस्से में रेडिएशन से दुष्प्रभाव नहीं पड़े. उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक मशीन से की गई इस रेडियो थेरेपी के परिणाम भी अच्छे मिले हैं. अगर हम सभी तंबाकू रहित जीवन शैली अपनाएं, प्रदूषण मुक्त माहौल बनाएं और इसमें रहें तो इन मशीनों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. हमें खुद को ऐसी ही जीवनशैली अपनानी चाहिए साथ ही दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए.

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एम्स में रजिस्टर्ड मरीजों को ही मिलेगा फायदा

इस मशीन से वही मरीज थेरेपी करवा सकेंगे, जिन्होंने एम्स जोधपुर की ओपीडी में रजिस्ट्रेशन करवा रखा है. डॉ. पारीक ने बताया कि एम्स में इलाज करवा रहे रजिस्टर्ड मरीजों को ही मशीन से थेरेपी की जा रही है यदि कोई मरीज केवल थेरेपी के लिए यहां आता है तो उन्हें मशीन से थेरेपी नहीं की जा सकेगी.

जोधपुर. कैंसर के मरीजों को कम लागत में रेडियोथेरेपी उपलब्ध कराने वाली मशीन अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में चालू कर दी गई है. लीनियर एक्सीलेटर इलेक्ट्रा वरसा एचडी मशीन की सुविधा शुरू होने से जोधपुर के आसपास के कैंसर मरीजों को आधुनिक थेरेपी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. वहीं, बाजार में अभी रेडियोथेरेपी के लिए 1.50 से 2 लाख रुपए देने पड़ते हैं, जो अब सस्ते हो जाएंगे. हालांकि, अभी इस थेरेपी के लिए निश्चित शुल्क तय नहीं किया गया है.

जानकारी के अनुसार यह चार्ज दिल्ली एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ की दरों के आसपास ही होगी. एम्स में करीब 43 करोड़ की लागत से मशीन और उसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है. मशीन को भारत सरकार के ऑटोमेटिक रेगुलेरिटी बोर्ड से किसी भी प्रकार के कैंसर में रेडियोथेरेपी देने के लिए मान्यता भी मिल गई है. अभी एम्स प्रशासन की ओर से मरीजों को यह थेरेपी मुफ्त दी जा रही है. इस अत्याधुनिक मशीन का फायदा यह है कि इससे कैंसर संक्रमित अंग पर ही फोकस होने से शरीर के अन्य हिस्सों पर रेडिएशन का दुष्प्रभाव नहीं होगा.

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डिपार्टमेंट ऑफ रेडियो थेरेपी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पुनीत पारीक ने बताया कि मशीन को अभी प्रथम फेस के लिए शुरू किया गया है, जिसमें बच्चेदानी के ट्यूमर, आंत के ट्यूमर, ब्रेन में होने वाले मल्टीपल ट्यूमर वाले मरीजों को मशीन से थेरेपी दी जा रही है. वहीं, जल्द ही फेज दो स्टार्ट किया जाएगा, इसमें शरीर के संवेदनशील स्थलों पर होने वाले सूक्ष्म ट्यूमर वाले मरीजों प्रोस्टेट ब्रेन और फेफड़ों में सूक्ष्म जगहों पर होने वाले ट्यूमर के मरीजों को भी मशीन के जरिए थेरेपी देकर इलाज किया जाएगा. साथ ही बताया कि सूक्ष्म जगह होने वाले ट्यूमर में यह ध्यान रखना पड़ता है कि शरीर के अन्य हिस्से में रेडिएशन से दुष्प्रभाव नहीं पड़े. उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक मशीन से की गई इस रेडियो थेरेपी के परिणाम भी अच्छे मिले हैं. अगर हम सभी तंबाकू रहित जीवन शैली अपनाएं, प्रदूषण मुक्त माहौल बनाएं और इसमें रहें तो इन मशीनों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. हमें खुद को ऐसी ही जीवनशैली अपनानी चाहिए साथ ही दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए.

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एम्स में रजिस्टर्ड मरीजों को ही मिलेगा फायदा

इस मशीन से वही मरीज थेरेपी करवा सकेंगे, जिन्होंने एम्स जोधपुर की ओपीडी में रजिस्ट्रेशन करवा रखा है. डॉ. पारीक ने बताया कि एम्स में इलाज करवा रहे रजिस्टर्ड मरीजों को ही मशीन से थेरेपी की जा रही है यदि कोई मरीज केवल थेरेपी के लिए यहां आता है तो उन्हें मशीन से थेरेपी नहीं की जा सकेगी.

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