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विश्व रक्तदाता दिवस: जोधपुर में ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित कर लोगों को किया जागरूक

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Published : Jun 14, 2020, 6:41 PM IST

Updated : Jun 14, 2020, 7:41 PM IST

विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर जोधपुर में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया. इस दौरान लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरूक भी किया गया. जिससे रक्तदान के प्रति लोगों का रुझान बढ़े और रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों की जान बचाई जा सके.

Blood Donation Camp in Jodhpur, World Blood Donor Day News
जोधपुर में रक्तदान शिविर का आयोजन कर किया लोगों को जागरूक

जोधपुर. एक स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक तीन माह में रक्तदान कर सकता है. इससे उसके शरीर में रक्त की कोई कमी नहीं रहती है. हालांकि आपातकालीन समय में रेयर ब्लड ग्रुप वाले रक्तदाता 6 सप्ताह में भी दोबारा रक्तदान कर सकते हैं. यह जानकारी 14 जून विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर जोधपुर शहर के ब्लड बैंकों में आयोजित रक्तदान शिविरों में लोगों को दी गई. जिससे रक्तदान के प्रति लोगों का रुझान बढ़े.

जोधपुर में रक्तदान शिविर का आयोजन कर किया लोगों को जागरूक

खासतौर से पहली बार रक्तदान करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थाएं आगे आ रही हैं. इसके अलावा ऐसे रक्तदाता भी मनोबल बढ़ा रहे हैं, जो लगातार रक्तदान से जुड़े हुए हैं. शहर के तरुण कटारिया का कहना है कि वे 23 साल से प्रत्येक तीन माह में रक्तदान कर रहे हैं. उन्होंने इस बार रक्तदाता दिवस पर 90वीं बार रक्तदान किया है. जोधपुर शहर में 13 साल से रक्तदान क्षेत्र में सक्रिय बाबा रामदेव संस्थान के करण सिंह बताते हैं कि इस अवधि में 500 से ज्यादा रक्तदान शिविर में 33000 यूनिट ब्लड डोनेट करवा चुके हैं. वे लगातार युवाओं को इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं.

पढ़ें- World blood donor day 2020 : डूंगरपुर जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन, 50 यूनिट ब्लड एकत्रित

वहीं लाल बूंद जिंदगी के रजत गौड़ भी पहली बार रक्तदान देने वालों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रहे हैं. शहर के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉक्टर नगेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रत्येक तीन माह में रक्त देने से किसी के शरीर में कोई परेशानी नहीं होती है. एक यूनिट रक्त से चार लोगों का जीवन बचाया जा सकता है. क्योंकि ब्लड सेपरेशन सिस्टम से रक्त के अवयव को अलग कर ट्रांसफ्यूजन किया जाता है.

जोधपुर. एक स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक तीन माह में रक्तदान कर सकता है. इससे उसके शरीर में रक्त की कोई कमी नहीं रहती है. हालांकि आपातकालीन समय में रेयर ब्लड ग्रुप वाले रक्तदाता 6 सप्ताह में भी दोबारा रक्तदान कर सकते हैं. यह जानकारी 14 जून विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर जोधपुर शहर के ब्लड बैंकों में आयोजित रक्तदान शिविरों में लोगों को दी गई. जिससे रक्तदान के प्रति लोगों का रुझान बढ़े.

जोधपुर में रक्तदान शिविर का आयोजन कर किया लोगों को जागरूक

खासतौर से पहली बार रक्तदान करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थाएं आगे आ रही हैं. इसके अलावा ऐसे रक्तदाता भी मनोबल बढ़ा रहे हैं, जो लगातार रक्तदान से जुड़े हुए हैं. शहर के तरुण कटारिया का कहना है कि वे 23 साल से प्रत्येक तीन माह में रक्तदान कर रहे हैं. उन्होंने इस बार रक्तदाता दिवस पर 90वीं बार रक्तदान किया है. जोधपुर शहर में 13 साल से रक्तदान क्षेत्र में सक्रिय बाबा रामदेव संस्थान के करण सिंह बताते हैं कि इस अवधि में 500 से ज्यादा रक्तदान शिविर में 33000 यूनिट ब्लड डोनेट करवा चुके हैं. वे लगातार युवाओं को इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं.

पढ़ें- World blood donor day 2020 : डूंगरपुर जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन, 50 यूनिट ब्लड एकत्रित

वहीं लाल बूंद जिंदगी के रजत गौड़ भी पहली बार रक्तदान देने वालों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रहे हैं. शहर के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉक्टर नगेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रत्येक तीन माह में रक्त देने से किसी के शरीर में कोई परेशानी नहीं होती है. एक यूनिट रक्त से चार लोगों का जीवन बचाया जा सकता है. क्योंकि ब्लड सेपरेशन सिस्टम से रक्त के अवयव को अलग कर ट्रांसफ्यूजन किया जाता है.

Last Updated : Jun 14, 2020, 7:41 PM IST
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