जोधपुर. इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग के चलते साइबर अपराध की घटनाओं में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है. जिनको रोकने के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष संगीत लोढ़ा के निर्देशानुसार सभी जिला मुख्यालयों पर वकालत कर रहे 50-50 अधिवक्तागण के लिए साइबर अपराध व साइबर सुरक्षा विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को प्रात: दस बजे से दो बजे तक वर्चुअल माध्यम से किया गया.
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कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रशासनिक न्यायाधीश संगीत लोढ़ा ने बताया कि भारत में पिछले पांच सालो में साइबर अपराध में 450 प्रतिशत से अधिक वृद्धि देखी गई है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में 12,317, वर्ष 2017 में 21,796, वर्ष 2018 में 27,248 और वर्ष 2019 में 44,546 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुये हैं. समय की आवश्यकता है कि एक अधिवक्ता को तकनीकी-कानूनों व कम्प्यूटर, कम्प्यूटर नेटवर्क, संचार उपकरणों के तकनीकी पहलुओं से अच्छी तरह से अवगत हो, ताकि ई-कॉमर्स, ई-कॉन्ट्रैक्ट और डिजिटल हस्ताक्षर, बौद्धिक सम्पदा अधिकार, साइबर अपराधों से निपटने में अपने पक्षकारों को योग्य प्रतिनिधित्व प्रदान कर सके.
साइबर अपराध की रोकथाम, जागरूकता व कानून की जानकारी के लिए यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है. जिसका निश्चित तौर पर अधिवक्ताओं को लाभ होगा. इस अवसर पर साइबर अपराध व साइबर सुरक्षा पर रालसा द्वारा प्रकाशित पुस्तक व पैम्फलेट का विमोचन भी वर्चुअल रूप से किया गया.