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चोरी के आरोपी को दो अलग-अलग मामलों में जमानत पर रिहा करने के आदेश - हिंदी न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट के अवकाशकालीन जज रामेश्वर व्यास ने पुलिस थाना मेड़ता रोड और पुलिस थाना जायल जिला नागौर में दर्ज भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने वीसी पर पैरवी करते हुए बताया कि याचिकाकर्ता निर्दोष है और उसे पुलिस ने गलत फंसाया गया है.

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चोरी के आरोपी को रिहा करने के आदेश
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Published : Jun 26, 2020, 5:20 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के अवकाशकालीन जज रामेश्वर व्यास ने पुलिस थाना मेड़ता रोड़ और पुलिस थाना जायल जिला नागौर में दर्ज भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. आरोपी याचिकाकर्ता मेड़ता रोड़ निवासी बीरबल विश्नोई की ओर से सीआरपीसी की धारा 439 के तहत दायर जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दोनों मामलों में एक लाख के मुचलके और 50-50 हजार रुपये की दो जमानतों पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

चोरी के आरोपी को रिहा करने के आदेश

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने वीसी पर पैरवी करते हुए बताया कि याचिकाकर्ता निर्दोष है और उसे पुलिस ने गलत फंसाया है. वह गत चार माह से जेल में है और चालान भी पेश हो चुका है. प्रार्थी के विरुद्ध लगाए गए आरोप मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय हैं. पुलिस ने 12 फरवरी को उसे झूठा गिरफ्तार कर उसे अन्य मामलों में भी मुल्जिम बना दिया है, जो गलत है.

यह भी पढे़ं : कोटा में Corona के 23 नए मामले, जूस सेंटर पर आए 9 लोग भी मिले पॉजिटिव

इस आधार पर प्रार्थी के अधिवक्ता ने जमानत पर रिहा करने का निवेदन किया. वहीं, लोक अभियोजक महिपाल विश्नोई ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने का भारी विरोध कर कहा कि याचिकाकर्ता धार्मिक स्थलों, मंदिर, स्कूल में रात्रि में चोरी करने का आदतन अपराधी है जो भगवान के आभूषण को भी नहीं छोड़ता है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जाए.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के अवकाशकालीन जज रामेश्वर व्यास ने पुलिस थाना मेड़ता रोड़ और पुलिस थाना जायल जिला नागौर में दर्ज भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. आरोपी याचिकाकर्ता मेड़ता रोड़ निवासी बीरबल विश्नोई की ओर से सीआरपीसी की धारा 439 के तहत दायर जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दोनों मामलों में एक लाख के मुचलके और 50-50 हजार रुपये की दो जमानतों पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

चोरी के आरोपी को रिहा करने के आदेश

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने वीसी पर पैरवी करते हुए बताया कि याचिकाकर्ता निर्दोष है और उसे पुलिस ने गलत फंसाया है. वह गत चार माह से जेल में है और चालान भी पेश हो चुका है. प्रार्थी के विरुद्ध लगाए गए आरोप मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय हैं. पुलिस ने 12 फरवरी को उसे झूठा गिरफ्तार कर उसे अन्य मामलों में भी मुल्जिम बना दिया है, जो गलत है.

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इस आधार पर प्रार्थी के अधिवक्ता ने जमानत पर रिहा करने का निवेदन किया. वहीं, लोक अभियोजक महिपाल विश्नोई ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने का भारी विरोध कर कहा कि याचिकाकर्ता धार्मिक स्थलों, मंदिर, स्कूल में रात्रि में चोरी करने का आदतन अपराधी है जो भगवान के आभूषण को भी नहीं छोड़ता है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जाए.

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