जोधपुर. AIIMS में 26 जनवरी को 6 दिन के छाती और धड़ से जुड़े जिन 2 नवजात को अलग किया गया था, उनमें से एक ने सोमवार देर रात दम तोड़ दिया. जबकि दूसरा नवजात अभी वेंटिलेटर पर है. इसकी देखरेख डॉक्टरों की एक टीम कर रही है.
जिस नवजात की मौत हुई, उसको लेकर एम्स के डॉक्टर पहले ही इस बात का अंदेशा जता चुके थे कि एक बच्चे की स्थिति ज्यादा खराब थी. डॉक्टरों ने अंदेशा जताया था कि उसका दिल और गुर्दा खराब हो चुका थे और उसकी आंत में रक्तस्राव भी हो रहा था. इसके कारण ही दोनों को अलग करने का फैसला लिया गया था. अगर दोनों बच्चों को अलग नहीं करते तो दोनों की मृत्यु हो सकती थी.
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बता दें कि आमतौर पर ऐसे जुड़े हुए बच्चों को 3 से 6 महीने की उम्र के बाद अलग किया जाता है. लेकिन इस मामले में एक का जीवन बचाने के लिए जल्दी अलग करने का निर्णय लिया गया. गौरतलब है कि आपस में जुड़े दोनों बच्चों का वजन मात्र 1.5 किलो था. ऐसे में यह काम वैसे भी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन एम्स के डॉक्टरों ने अपनी पूरी ताकत से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और एक नवजात को सुरक्षित रख लिया.
जानकारी के अनुसार इससे पहले भी जोधपुर एम्स में साढ़े 4 साल पहले एक ऐसे ही मामले में 2 बच्चों को अलग-अलग किया था. जो अभी सामान्य रूप से अपना जीवन जी रहे हैं. लेकिन उनकी उम्र उस समय 6 महीने से अधिक थी.