जोधपुर. एम्स जोधपुर के नर्सिंग कर्मचारियों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. अपने साथी नर्सिंग अधिकारी की पत्नी को एम्स की इमरजेंसी में उपचार नहीं करने और इससे उसे गर्भपात करवाने के मामले में नर्सिंग कर्मचारियों लगातार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है. लेकिन जोधपुर एम्स प्रबंधन इसको लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा है.
बता दें कि, बीते कई दिनों से नर्सेज काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए काम कर रहे हैं. बुधवार को नर्सेज ने एम्स परिसर में कैंडल मार्च भी निकाला और एम्स के बाहर भी प्रदर्शन किया. एम्स के नर्सिंग कर्मियों की एसोसिएशन 'नोवा' के पदाधिकारियों ने प्रबंधन को पत्र लिखकर कार्रवाई का आग्रह किया. लेकिन अभी तक उनको इसका जवाब तक नहीं मिला है.
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नोवा के संयुक्त सचिव गुलाब चौधरी ने बताया कि अगर एम्स प्रबंधन ने जल्द इस मामले में कठोर कार्रवाई नहीं की तो, नर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन कड़ा कदम उठाएगी. उसकी पूरी जिम्मेवारी एम्स प्रबंधन की होगी.
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गौरतलब है कि जोधपुर एम्स के नर्सिंग अधिकारी नरेश स्वामी की पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर उसे 17 मई को एम्स की इमरजेंसी में लेकर आए थे. लेकिन यहां मौजूद डॉक्टर ने यह कहते हुए उपचार करने से इंकार कर दिया कि वह कोविड-19 प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं. ऐसी जगह से आने वालों को उपचार देने से प्रबंधन का मना किया है. इसके बाद स्वामी अपनी पत्नी को लेकर निजी अस्पताल में गए. जहां उन्हें गर्भपात करवाना पड़ा. इस घटना के बाद एम्स बंधन को पूरी जानकारी दी गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.