जोधपुर. लंपी डिजीज के कारण जोधपुर संभाग और जिले में हर दिन गायों की मौत का आंकड़ा (Lumpy Disease in Rajasthan) बढ़ता जा रहा है. जिसमें सर्वाधिक गायों की मौत बाड़मेर जिले में हो रही है. संभाग में अब तक 3203 गायों की मौत हो चुकी है. इसके चलते पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय और केंद्र की टीमें भी संभाग के जिलों के दौरे पर हैं.
जयपुर से आए विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ रवि इसरानी का कहना है कि गाय के अलावा भैंस में यह लंपी डिजीज हो सकती है, क्योंकि दोनों लगभग एक वर्ग के पशु हैं. लेकिन फिलहाल भैंसों को लेकर अभी कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है. इसको लेकर टीमें फील्ड में सर्वे कर रही है. उन्होंने बताया कि बकरी या अन्य स्मॉल कैटल में यह बीमारी नहीं होती है. डॉ इसरानी का कहना हैं कि यह नई बीमारी है पहली बार हम इसका सामना कर रहे है. इसके वायरस को लेकर लेकर रिसर्च भी की जा रही है.
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पांच लाख संदिग्ध, 51 हजार चपेट में: संभाग में लंपी डिजीज की चपेट में आने वाली गायों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 3 अगस्त तक पूरे संभाग में 5 लाख 42 हजार 741 गायों को इस संदिग्ध रोगी के रूप में चिह्नित किया गया है. सबसे ज्यादा संदिग्ध गायें जोधपुर जिले में 2 लाख 90 चिह्नित की गई. जबकि ये आंकड़े बाड़मेर में 80 हजार 734, जैसलमेर में 96 हजार 841, पाली में 68 हजार 965, सिरोही में 4266 व जालौर में 1318 हैं. वहीं 51827 गायें इस बीमारी की चपेट में आ चुकी हैं, इनमें 43 हजार का उपचार किया जा रहा है.
कहां कितनी मौतें: लंपी डिजीज से 3 अगस्त तक पूरे संभाग में 3203 गायों की मौत हो चुकी है. यह संख्या लगातार बढती जा रही है. इनमें सबसे ज्यादा 1307 बाड़मेर, 822 जोधपुर, 708 जालौर, 250 जैसलमेर, पाली में 80 और सिरोही में 36 गायों की मौतें हुई है. संभाग में अब तक 20 हजार से अधिक गाय इस बीमारी से रिकवर भी हुई हैं.