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जोधपुर: अब नॉन कोविड अस्पतालों को संक्रमण से बचाने की कवायद

देश में तेजी से फैलते जा रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार हर सभंव प्रयास कर रही है. वहीं, जोधपुर के सभी सरकारी अस्पतालों को संक्रमण से बचाने के लिए जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है. शनिवार को जिला कलेक्टर ने जिले के उम्मेद अस्पताल का दौरा किया. साथ ही जरूरी दिशा निर्देश भी दिए.

राजस्थान की खबर, jodhpur news
सरकारी अस्पतालों को कोरोना संक्रमण से बचाने के हो रहे प्रयास
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Published : May 16, 2020, 6:00 PM IST

जोधपुर. शहर के बड़े सरकारी अस्पताल जिनमें अभी कोई कोरोना का मामला सामने नहीं आया उन्हें इस संक्रमण से बचाने की कवायद शुरू हो गई है. जिससे कि उन अस्पतालों में मौजूदा सुविधाएं चलती रहे बाधित नहीं हो.

इसको लेकर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने शनिवार को सबसे पहले उम्मेद अस्पताल का दौरा किया क्योंकि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में उम्मीद अस्पताल में सर्वाधिक ग्रामीण क्षेत्र से ही गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए आती है. ऐसे में यहां किसी तरह की चूक से कोरोना वायरस नहीं फैले इसको लेकर कलेक्टर ने अस्पताल की मौजूदा व्यवस्थाएं देखी. साथ ही डॉक्टर के साथ बैठकर आवश्यक विचार-विमर्श कर दिशा निर्देश दिए.

सरकारी अस्पतालों को कोरोना संक्रमण से बचाने के हो रहे प्रयास

कलेक्टर ने बताया कि सभी अस्पतालों में सामान्य सेवाएं चलती रहे इसको लेकर हम गाइडलाइन भी जारी कर रहे हैं और अस्पताल में ऑपरेशन होते हैं. उसमें डॉक्टर किस तरह से काम करते हुए संक्रमण से बचें और अपने अस्पताल को भी बचाएं इसका ध्यान रखना होगा. अस्पताल आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग व्यवस्थित हो, मरीज की किस तरह से जांच के लिए भेजना है इन सब को लेकर निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- जोधपुरः राज्य सरकार की मंजूरी के बाद खनन क्षेत्र में गूंजने लगी हथौड़ों की आवाज

अस्पताल के अधीक्षक डॉ रंजना देसाई ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की भीड़ रोकने के लिए पब्लिक एनाउंस सिस्टम शुरू कर दिया है. सुरक्षा कर्मी लगातार लोगों को सूचनाएं देते रहते हैं. इसके अलावा प्रत्येक ओपीडी के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मार्किंग कर दी गई है. कोई भी संदिग्ध मरीज आता है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. जहां से उसका कोरोना कैसे कराया जाता है. उसके बाद ही आगे उसको उपचार दिया जा रहा है.

गौरतलब है कि उम्मेद अस्पताल पूरे जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र है. ऐसे में यहां संक्रमण रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन अभी तक यहां कोई संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में जिला प्रशासन इस अस्पताल को संक्रमण से बचाए रखने के लिए सभी तरह के प्रयास कर रहा है. क्योंकि अगर इस अस्पताल में संक्रमण फैला तो प्रसव की सुविधाएं बाधित होने से बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है.

जोधपुर. शहर के बड़े सरकारी अस्पताल जिनमें अभी कोई कोरोना का मामला सामने नहीं आया उन्हें इस संक्रमण से बचाने की कवायद शुरू हो गई है. जिससे कि उन अस्पतालों में मौजूदा सुविधाएं चलती रहे बाधित नहीं हो.

इसको लेकर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने शनिवार को सबसे पहले उम्मेद अस्पताल का दौरा किया क्योंकि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में उम्मीद अस्पताल में सर्वाधिक ग्रामीण क्षेत्र से ही गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए आती है. ऐसे में यहां किसी तरह की चूक से कोरोना वायरस नहीं फैले इसको लेकर कलेक्टर ने अस्पताल की मौजूदा व्यवस्थाएं देखी. साथ ही डॉक्टर के साथ बैठकर आवश्यक विचार-विमर्श कर दिशा निर्देश दिए.

सरकारी अस्पतालों को कोरोना संक्रमण से बचाने के हो रहे प्रयास

कलेक्टर ने बताया कि सभी अस्पतालों में सामान्य सेवाएं चलती रहे इसको लेकर हम गाइडलाइन भी जारी कर रहे हैं और अस्पताल में ऑपरेशन होते हैं. उसमें डॉक्टर किस तरह से काम करते हुए संक्रमण से बचें और अपने अस्पताल को भी बचाएं इसका ध्यान रखना होगा. अस्पताल आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग व्यवस्थित हो, मरीज की किस तरह से जांच के लिए भेजना है इन सब को लेकर निर्देश दिए हैं.

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अस्पताल के अधीक्षक डॉ रंजना देसाई ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की भीड़ रोकने के लिए पब्लिक एनाउंस सिस्टम शुरू कर दिया है. सुरक्षा कर्मी लगातार लोगों को सूचनाएं देते रहते हैं. इसके अलावा प्रत्येक ओपीडी के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मार्किंग कर दी गई है. कोई भी संदिग्ध मरीज आता है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. जहां से उसका कोरोना कैसे कराया जाता है. उसके बाद ही आगे उसको उपचार दिया जा रहा है.

गौरतलब है कि उम्मेद अस्पताल पूरे जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र है. ऐसे में यहां संक्रमण रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन अभी तक यहां कोई संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में जिला प्रशासन इस अस्पताल को संक्रमण से बचाए रखने के लिए सभी तरह के प्रयास कर रहा है. क्योंकि अगर इस अस्पताल में संक्रमण फैला तो प्रसव की सुविधाएं बाधित होने से बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है.

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