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मेडिकल बोर्ड की सलाह के बावजूद नहीं कराई हार्डकोर अपराधी की एमआरआई, राजस्थान हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी - ETV Bharat news

हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू की ओर से पेश तीन अंतरिम जमानत आवेदनों पर मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने अपराधी कैलाश मांजू की एमआरआई कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन एमआरआई नहीं होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई. साथ ही कहा कि बिना समय गंवाए अगली सुनवाई से पहले मांजू का एमआरआई करवाया जाए.

हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू, Hardcore criminal Kailash Manju
मेडिकल बोर्ड की सलाह के बावजूद नहीं हुआ अपाराधी की एमआरआई
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Published : May 26, 2020, 7:49 PM IST

जोधपुर. हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू की ओर से पेश तीन अंतरिम जमानत आवेदनों पर मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट जस्टिस अरूण भंसाली ने अभियोजन पक्ष से 29 मई को अगली सुनवाई तक मेडिकल बोर्ड की आवश्यकता के अनुसार याचिकाकर्ता की एमआरआई करवाते हुए उसके आधार पर बोर्ड की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये.

दरअसल सुनवाई में जब कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से पूछा कि मामले की 19 मई को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी आवेदनकर्ता का मेडिकल बोर्ड से जांच करवाकर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे, उनका क्या हुआ. इस पर लोक अभियोजक महीपाल विश्नोई ने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने आरोपी याचिकाकर्ता की एमआरआई कराने की आवश्यकता जतायी थी. लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते अस्पताल में एमआरआई कराना संभव नहीं हुआ.

पढ़ेंः हाल-ए-मौसम: Sevier heat wave की चपेट में चूरू, दिन का पारा 47 डिग्री के पार

इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब मेडिकल बोर्ड ने एमआरआई कराने की आवश्यकता जतायी थी तो जाहिर तौर पर आवेदनकर्ता की एमआरआई नहीं कराने का कोई कारण नजर नहीं आता. अब बिना समय गंवाए अगली सुनवाई से पहले आवेदनकर्ता मांजू का एमआरआई करवाते हुए उसके आधार पर मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट 29 मई तक कोर्ट में पेश करने के निर्देश के साथ ही मामले की सुनवाई तब तक के लिए स्थगित कर दी.

जोधपुर. हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू की ओर से पेश तीन अंतरिम जमानत आवेदनों पर मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट जस्टिस अरूण भंसाली ने अभियोजन पक्ष से 29 मई को अगली सुनवाई तक मेडिकल बोर्ड की आवश्यकता के अनुसार याचिकाकर्ता की एमआरआई करवाते हुए उसके आधार पर बोर्ड की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये.

दरअसल सुनवाई में जब कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से पूछा कि मामले की 19 मई को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी आवेदनकर्ता का मेडिकल बोर्ड से जांच करवाकर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे, उनका क्या हुआ. इस पर लोक अभियोजक महीपाल विश्नोई ने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने आरोपी याचिकाकर्ता की एमआरआई कराने की आवश्यकता जतायी थी. लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते अस्पताल में एमआरआई कराना संभव नहीं हुआ.

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इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब मेडिकल बोर्ड ने एमआरआई कराने की आवश्यकता जतायी थी तो जाहिर तौर पर आवेदनकर्ता की एमआरआई नहीं कराने का कोई कारण नजर नहीं आता. अब बिना समय गंवाए अगली सुनवाई से पहले आवेदनकर्ता मांजू का एमआरआई करवाते हुए उसके आधार पर मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट 29 मई तक कोर्ट में पेश करने के निर्देश के साथ ही मामले की सुनवाई तब तक के लिए स्थगित कर दी.

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