जोधपुर. केंद्रीय कारागृह में मोबाइल का जखीरा मिलने के बाद शुरू हुई पुलिस की जांच में अब जेल के अधिकारी शिकंजे में आने लगे हैं. जोधपुर पुलिस के उपायुक्त डीसीपी धर्मेंद्र सिंह यादव के निर्देशन में जेल में मोबाइल मिलने के प्रकरण को लेकर दर्ज एक मामले की अनुसंधान के दौरान सोमवार रात को पुलिस ने प्रकरण में नामजद हुए जेल कर्मियों के घर पर छापेमारी की. इनमें खासतौर से जेल के जेलर रहे जगदीश पूनिया के घर पर भी तलाशी की गई.
डीसीपी धर्मेंद्र सिंह यादव के अनुसार, अनुसंधान के दौरान नामजद किए गए लोगों के घरों पर छापेमारी की गई. हुकुम की अभी विस्तृत जांच चल रही है, जो भी तथ्य जुटाए जा रहे हैं उनके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी. उन्होंने बताया कि जेल में निश्चित वस्तुओं की आवाजाही को लेकर जो वीडियो प्राप्त हुए हैं, उन्हें साफ तौर पर नजर आ रहा है कि प्रक्रिया में कमी रखी गई. गत दिनों जोधपुर जेल प्रशासन ने खुद ही तलाशी लेकर 17 मोबाइल 18 सिम बरामद की थी. लेकिन, इस दौरान पुलिस ने जो फुटेज उठाए, उसमें कुछ कहानी और नजर आई.
पढ़ें: पुलिस व अन्य एजेंसियों को कुछ नहीं मिला, जेल प्रशासन ने ढूंढ निकाला जखीरा...
इसके बाद पुलिस लगातार जो सीसीटीवी जेल में लगे हैं, उन पर नजर रखी हुई है. सीसीटीवी के फुटेज को लगातार पुलिस खंगाल रही है, जिसमें कई जेल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मानी गई है. हालांकि, जेल प्रबंधन ने भी जेल के ठेकेदार व स्टोर में काम करने वाले 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. इसकी जांच पुलिस कर रही है. ऐसे कुल 3 मामले भी दर्ज हैं. इन मामलों की जांच के दौरान ही, जो तथ्य पुलिस को मिले हैं. उसके आधार पर पुलिस ने जेलर जगदीश पूनिया को नामजद कर लिया है. फिलहाल, पुलिस ने तलाशी के दौरान जो भी सबूत मिले हैं. उसका खुलासा करने से इनकार भी किया है. ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस अगले कुछ दिनों में और तफ्तीश कर इस मामले में कई जेल कर्मियों को नामजद कर गिरफ्तार कर सकती है.