जोधपुर. राज्य सरकार के एक ही स्थान पर 50 से ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर लगाई गई पाबंदी को ध्यान में रखते हुए जोधपुर के मेहरानगढ़ म्यूजियम सहित सभी पर्यटन स्थल बुधवार को पूरी तरह से बंद कर दिए गए, यहां पर्यटकों की आवाजाही रोक दी गई है.
खास बात है कि 1974 में मेहरानगढ़ आम जनता के लिए खोला गया था इन 46 सालों में पहली बार बुधवार से 31 मार्च तक 13 दिनों के लिए इसे पर्यटकों के लिए बंद किया गया है. इस बंद के दौरान 25 मार्च से नवरात्र प्रारंभ होंगे. इस दौरान मेहरानगढ़ स्थित मां चामुंडा के मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.
उसको लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के निदेशक करणी सिंह जसोल ने बताया कि आमजन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हमने सरकार के निर्देशों की पालना के लिए 31 मार्च तक उम्मेद भवन म्यूजियम और मेहरानगढ़ को बंद करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान चामुंडा मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है, हम प्रशासन के संपर्क में हैं.
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इसके अलावा जसवंत थड़ा और अन्य पर्यटक स्थल भी बंद कर दिए गए हैं. उल्लेखनीय है कि मेहरानगढ़ उम्मेद भवन का म्यूजियम देखने के लिए बड़ी संख्या में प्रतिदिन देशी और विदेशी पर्यटक जोधपुर आते हैं. कोरोना संकट के चलते पिछले कई दिनों से यहां स्क्रीनिंग भी जारी थी. लेकिन अब सरकार के निर्देश पर इन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.
खास बात यह है कि 2008 में मां चामुंडा के मंदिर में भगदड़ के चलते 216 लोगों की मौत हुई थी, उसके बाद भी मेहरानगढ़ अगले दिन भी बंद नहीं रहा. लेकिन कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सरकार की पहल पर जोधपुर राजपरिवार ने यह निर्णय लिया है.