जोधपुर. शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित 1700 करोड़ की लागत से बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर को लेकर शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने चर्चा (Shekhawat on Jodhpur elevated road) की.
शेखावत ने बताया कि एलिवेटेड कॉरिडोर प्रोजेक्ट के निर्माण में स्थानीय विरासतों का भी ध्यान रखा गया है, जिनसे संस्कृति और जनभावना जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के एक-एक चरण को परखा जा रहा है. स्वयं केंद्रीय मंत्री गडकरी प्रक्रिया को निर्देशित कर रहे हैं. कॉरिडोर के पूरे रास्ते को अलग-अलग चरण में विभक्त कर काम चल रहा है. जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.
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इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत भी शामिल हुए. बैठक में केंद्रीय मंत्रियों के बीच जोधपुर रिंग रोड और भारत माला परियोजना के तहत बन रहे जोधपुर-अमृतसर-जामनगर और जैसलमेर तनोट-रामगढ़-भादासर-जैलसमेर राष्ट्रीय राजमार्ग को समय पर पूर्ण करने को लेकर भी चर्चा हुई. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री शेखावत के प्रयास से केंद्र सरकार ने करीब 1700 करोड़ रुपए मंजूर किए. जोधपुर को 561 साल के इतिहास का सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट मिला है. जबकि राज्य सरकार के नगरीय विकास मंत्री इसे सिरे से खारिज कर चुके थे.
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पिलर के बीच की दूरी बढ़ेगी, अवरोध कम होगा: जोधपुर एलिवेटेड कॉरिडोर प्रोजेक्ट का निर्माण नई तकनीक से किया (New technology for Jodhpur elevated road) जाएगा. दो पिलरों के बीच करीब 100 मीटर का अंतर होगा, जबकि वर्तमान में निर्मित पिलरों में यह अंतर 30 मीटर का है. पिलरों की संख्या कम होने से सड़क पर आने वाले अवरोध कम होंगे. साथ ही, यह एक थ्री लेयर एलिवेटेड रोड होगी. एलिवेटेड रोड बनने से 50 साल तक शहर की ट्रैफिक की समस्या दूर हो जाएगी.