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जोधपुर: मेडिकल कॉलेज लैब टेक्नीशियन ने काम करने से किया इनकार, रखी ये मांग - jodhpur news

जोधपुर में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के लैब टेक्नीशियन ने कोरोना संकट के बाद लगातार काम बंद करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. लैब टेक्नीशियन का कहना है कि उनको मरीज की बीमारियों की जानकारी नहीं होती है, ऐसे में बीमारी संबंधित जानकारी वे नहीं ले सकते.

जोधपुर न्यूज, jodhpur news
मेडिकल कॉलेज के लैब टेक्नीशियन में काम करने से हाथ खड़े किए
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Published : May 14, 2020, 5:36 PM IST

जोधपुर. कोरोना संदिग्ध रोगियों के नमूने लेने वाले डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के लैब टेक्नीशियन में अपनी परेशानियों को लेकर गुरुवार को मेडिकल कॉलेज परिसर में हाथ खड़े कर प्रदर्शन किया. मेडिकल कॉलेज में यह पहला मौका नहीं है जब पैरामेडिकल स्टाफ ने अपने परेशानियों को लेकर प्रदर्शन किया हो, कोरोना काल में यह तीसरा प्रदर्शन है.

लैब टेक्नीशियन ने काम करने से किया इनकार

लैब टेक्नीशियन की मांग है कि उन्हें ठहराया गया है उस जगह पर संक्रमण हटाने की कोई व्यवस्था नहीं है. होटल के अंदर बेडशीट तक नहीं बदली जा रही है, इसके अलावा सरकार ने अब नए निर्देश जारी किए हैं जिसके तहत लैब टेक्नीशियन को ही जिसका नमूना लिया जा रहा है, उसकी हिस्ट्री भी ऑनलाइन एप्लीकेशन पर डाली होगी.

पढ़ें- विशेष: आर्थिक पैकेज का एक ही लक्ष्य बाजार में तरलता बनी रहे: सुनील मेहता

इसके बाद मरीज के फोन नंबर पर एक ओटीपी जनरेट होगा ओटीपी जनरेट होने के बाद ही वह नमूना लेगा. जबकि लैब टेक्नीशियन को मरीज की बीमारियों की जानकारी नहीं होती है और ना ही उसे इस तरह की हिस्ट्री लेने का कोई प्रशिक्षण दिया गया है. ऐसे हालात में पीपीई किट पहने लैब टेक्नीशियन कैसे पूरी प्रक्रिया करेगा.

इधर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीएल मीणा ने बताया कि किसी भी कर्मचारी को हाथ खड़े कर काम छोड़ने का अधिकार नहीं है. किसी न किसी को तो काम करना ही पड़ेगा, हमने सभी व्यवस्थाएं सभी कर्मचारियों के लिए समान रूप से की है. लैब टेक्नीशियन जो मोबाइल एप्लीकेशन का इशू बता रहे हैं इसको लेकर मैंने सरकार को भी बताया है. अभी हम कागज पर ही जानकारी भरवा रहे हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं छोड़ना चाहिए.

जोधपुर. कोरोना संदिग्ध रोगियों के नमूने लेने वाले डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के लैब टेक्नीशियन में अपनी परेशानियों को लेकर गुरुवार को मेडिकल कॉलेज परिसर में हाथ खड़े कर प्रदर्शन किया. मेडिकल कॉलेज में यह पहला मौका नहीं है जब पैरामेडिकल स्टाफ ने अपने परेशानियों को लेकर प्रदर्शन किया हो, कोरोना काल में यह तीसरा प्रदर्शन है.

लैब टेक्नीशियन ने काम करने से किया इनकार

लैब टेक्नीशियन की मांग है कि उन्हें ठहराया गया है उस जगह पर संक्रमण हटाने की कोई व्यवस्था नहीं है. होटल के अंदर बेडशीट तक नहीं बदली जा रही है, इसके अलावा सरकार ने अब नए निर्देश जारी किए हैं जिसके तहत लैब टेक्नीशियन को ही जिसका नमूना लिया जा रहा है, उसकी हिस्ट्री भी ऑनलाइन एप्लीकेशन पर डाली होगी.

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इसके बाद मरीज के फोन नंबर पर एक ओटीपी जनरेट होगा ओटीपी जनरेट होने के बाद ही वह नमूना लेगा. जबकि लैब टेक्नीशियन को मरीज की बीमारियों की जानकारी नहीं होती है और ना ही उसे इस तरह की हिस्ट्री लेने का कोई प्रशिक्षण दिया गया है. ऐसे हालात में पीपीई किट पहने लैब टेक्नीशियन कैसे पूरी प्रक्रिया करेगा.

इधर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीएल मीणा ने बताया कि किसी भी कर्मचारी को हाथ खड़े कर काम छोड़ने का अधिकार नहीं है. किसी न किसी को तो काम करना ही पड़ेगा, हमने सभी व्यवस्थाएं सभी कर्मचारियों के लिए समान रूप से की है. लैब टेक्नीशियन जो मोबाइल एप्लीकेशन का इशू बता रहे हैं इसको लेकर मैंने सरकार को भी बताया है. अभी हम कागज पर ही जानकारी भरवा रहे हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं छोड़ना चाहिए.

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