जोधपुर. आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में हर जगह दीवारों पर गुटखा और पान की पीक के और गंदगी का आलम नजर आता है. लेकिन जोधपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मथुरा दास माथुर हॉस्पिटल में यह अब देखने को नहीं मिल रहा है. इसकी वजह है यहां के अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्थाएं. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अरूण शर्मा ने अस्पताल में सफाई रहे कोई धूम्रपान नहीं करें. इसके लिए कड़े नियम बना रखे हैं.
उन्होंने पूरी एक टीम लगा रखी है जो धूम्रपान करते हुए आदमी को देखते ही उसे जुर्माना वसूल करती है. इसके अलावा अस्पताल में थूकने वालों से भी जुर्माना वसूला जाता है. 2 अक्टूबर से गत वर्ष अस्पताल में शुरू हुआ स्वच्छता अभियान अब चरम पर है. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने करीब छह लाख रुपए लोगों से जुर्माना वसूला है.
कम से कम ₹50 की रसीद काटी जाती है
अस्पताल में डॉक्टर अरुण शर्मा और उनकी टीम के लोग सुबह सुबह ज्यादा एक्टिव नजर आते हैं. यहां प्रवेश करने वाले लोगों की तलाशी भी ली जाती है. अगर उनकी जेब में गुटखा, बीड़ी, सुपारी निकलता है तो वहीं रखवा लिया जाता है. साथ ही हिदायत दी जाती है कि वह अस्पताल में रहने के दौरान उनका उपयोग नहीं करें. डॉक्टर अरुण शर्मा बताते हैं कि जुर्माने की राशि यूं तो ₹200 रखी गई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को समझा इसका प्रयास किया जाता है. इसके अलावा कम से कम ₹50 की रसीद काटी जाती है. जिससे कि उन्हें इस बात का एहसास हो कि उन्होंने गलती की है और आगे से नहीं करें.
निशुल्क किडनी ट्रांसप्लांट में खर्च होगा
डॉक्टर शर्मा ने बताया कि जो राशि अभी एकत्रित हुई है. अस्पताल प्रबंधन का विचार है की हाल ही में अस्पताल में शुरू हुई किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा के तहत इस राशि का उपयोग 1 गरीब मरीज के लिए किया जाए. जिससे उसको नया जीवन मिल सकें क्योंकि यह राशि मरीजों व परिजनों से ही एकत्रित की गई है और उन पैसे खर्च करने का हमने रखा है.