जोधपुर. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद हालात गंभीर हो गए हैं. भारतीय छात्रों और नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालना (students of Jodhpur stranded in Ukraine) देश के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. यूक्रेन में फंसे भारतीयों के परिजन भी यहां परेशान हो रहे हैं और सलामती की दुआ के साथ ही अपने सगे-संबंधियों के सकुशल वापसी की कामना कर रहे हैं.
भारत के काफी संख्या में छात्र यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए हुए हैं. इनमें जोधपुर जिले के भोपालगढ़ क्षेत्र के रहने वाले महादेव चोटिया भी शामिल हैं. महादेव एमबीबीएस फोर्थ इयर के छात्र हैं. वह यूक्रेन की राजधानी कीव से कुछ दूर स्थित एक शहर में हैं जहां युद्ध के स्थितियां हैं.
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कृषक परिवार के महादेव ने अपने परिजनों को बताया है कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के चलते यहां विद्यार्थी भी उलझन में फंसे हुए हैं. उनके लिए अभी कोई फ्लाइट की व्यवस्था नहीं है. न ही कोई बुकिंग हो रही है. धीरे-धीरे खाने-पीने की भी समस्या आने लगी है. महादेव के साथ जोधपुर और मारवाड़ क्षेत्र के और भी छात्र हैं.
यूक्रेन की राजधानी कीव में ही तराश शेवचेनको नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ कीव के हॉस्टल नंबर 13 में रह रही जोधपुर की नेहा भाटी और उसकी सहेली सुरभि श्रीवास्तव रह रहीं हैं. उनका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें उन्होंने बताया है कि वे यहां फसी हुई हैं. एंबेसी से कॉन्टेक्ट नहीं हो रहा है. सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें वहां से निकाले. कीव का एयरपोर्ट बंद हो गया है. वहां किसी तरह का फ्लाइट ऑपरेशन नहीं चल रहा है. ऐसे में छात्रों की परेशानी और बढ़ गई है.