जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा विधानसभा सीट के उपचुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की ओर से एसडीएम से मारपीट के बाद समरावता में हुए उपद्रव के मामले में वीडियो देखकर अदालत ने नरेश मीणा पर कड़ी टिप्पणी की. वहीं, अदालत ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी. जस्टिस प्रवीर भटनागर ने यह आदेश नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान एएजी राजेश चौधरी ने अदालत को घटना के दिन का वीडियो दिखाया. इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की मामले का मुख्य आरोपी है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वीडियो से अदालत को पूर्वाग्रह से ग्रसित किया जा रहा है. मामले में चार एफआईआर दर्ज हुई हैं और दो मामलों में पुलिस ने याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया है. ऐसा लगता है कि सरकार उसे किसी भी तरह जेल में रखना चाहती है. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी.
याचिका में अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा और अधिवक्ता फतेह राम मीणा ने बताया कि उप चुनाव के दौरान एसडीएम से मारपीट के आरोप में याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, बाद में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच गतिरोध बना था. इस पर टोंक के नगरफोर्ट थाना पुलिस ने याचिकाकर्ता सहित दर्जनों अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. याचिका में कहा गया कि घटना के समय याचिकाकर्ता पुलिस अभिरक्षा में था.
ऐसे में वह लोगों को कैसे उकसा सकता है. इसके अलावा प्रकरण में 18 आरोपियों की टोंक के सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी मंजूर हो चुकी है, जबकि हाईकोर्ट ने भी करीब 40 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.