जयपुर: विधानसभा के बजट सत्र में सदन में छह दिन से गतिरोध जारी है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे को गतिरोध के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि स्पीकर वासुदेव देवनानी को किसी बात को लेकर कोई भ्रम है, तो वे मिलकर उनका भ्रम दूर करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सदन में उनकी गैर मौजूदगी में जिस तरह चर्चा कर यह कहा गया कि वे (गोविंद सिंह डोटासरा) विधायक बनने लायक नहीं है. यह कानून सम्मत नहीं है. फिर भी सदन चले, इसलिए वे स्पीकर से मिलकर उनका भ्रम दूर कर सकते हैं. उन्होंने आज पीसीसी वॉर रूम में मीडिया से बातचीत में यह बयान दिया है.
मंत्री की टिप्पणी से सदन में बना गतिरोध: डोटासरा ने कहा, सदन में इंदिरा गांधी पर मंत्री की टिप्पणी से गतिरोध पैदा हुआ. उसके बाद हुए पूरे घटनाक्रम पर उन्होंने खुद ने, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक ने खेद प्रकट कर दिया. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद हमने अपने विधायकों से अनौपचारिक बातचीत की. जिस तरह अमर्यादित टिप्पणी का आरोप लगाया जा रहा है. वो सही नहीं है. लेकिन फिर भी उस पर खेद प्रकट किया.
इस तरह सदन में किसी मुद्दे पर चर्चा का प्रावधान नहीं: डोटासरा ने कहा, एक खबर को लेकर जिस तरह मंगलवार को सदन में चर्चा की गई और उनके (डोटासरा के) लिए टिप्पणी की गई. एक सदस्य का अधिकार है कि उसकी गैर मौजूदगी में या बिना नोटिस दिए सदन में इस तरह चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने खुद मर्यादा को तार-तार कर दिया. उन्होंने राजनीतिक व्यक्ति की भाषा में कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा तो सदन में आने लायक ही नहीं है. उन्होंने कहा, वे (डोटासरा) चौथी बार सदन में आए हैं. बेस्ट विधायक का अवार्ड भी मिल चुका है. जबकि वे (देवनानी) पहले खुद डायस पर आने के कारण निलंबित हो चुके हैं.
खेद प्रकट कर देंगे, लेकिन अपमानित नहीं होंगे: वे बोले, मीडिया की खबरों को आधार बनाकर सदन में चर्चा करवाने का कहीं प्रावधान नहीं है. इस पर स्पीकर यह व्यवस्था दे कि कोई सदस्य पांच साल सदन में आने लायक ही नहीं है. इससे बड़ा अपमान शायद ही कुछ हो. फिर भी अगर उन्हें किसी तरह का कोई भ्रम हुआ है तो स्पीकर बड़े भाई हैं. उनका भ्रम दूर कर सकता हूं, खेद प्रकट कर सकता हूं. लेकिन अपमानित नहीं होऊंगा.
आरएसएस के इशारे पर आवाज दबाने का प्रयास: डोटासरा बोले, आरएसएस के इशारे पर यह प्रयास किया जा रहा है कि यह (गोविंद डोटासरा) बोले ही नहीं तो हमारी (सरकार की) रोटी सिकती रहे और हम पर्चियों से काम करते रहे. यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. बड़ा सवाल यह है कि इंदिरा गांधी को लेकर मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी आज भी सदन की कार्यवाही में है. लेकिन मेरी इज्जत को सदन में तार-तार किया गया. यह भाजपा और आरएसएस का असली चेहरा है.
सरकार ने बजट में क्या दिया, जनता के सामने आए: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, सदन में गतिरोध खत्म करने के लिए हमने प्रयास किए हैं. सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्ष गतिरोध खत्म नहीं करना चाहता. यह सही नहीं है. हम चाहते हैं कि सदन चले और सरकार ने क्या बजट रखा है. वह जनता के सामने आए. हम भी अपनी बात रखें. सत्ता घमंड और अहंकार में निर्णय कर रही है. हमने सीएम से भी बात की है. इससे पहले भी सदन में गतिरोध हुए हैं. मुख्यमंत्रियों ने आगे आकर पहल की है. लेकिन अभी सदन के नेता को भी फुर्सत नहीं है.
सरकार जानती है सदन चला तो किरकिरी होगी: जूली बोले, मंत्रियों की परफॉर्मेंस खुद मुख्यमंत्री भी जानते हैं. इसलिए यह चाहते हैं कि सदन नहीं चले तो ठीक है. सदन चलेगा तो इनकी किरकिरी होगी. आज महाशिवरात्रि है. भोले बाबा का दिन है. जिन्होंने सृष्टि को बचाने के लिए विष पीया था. आज हम प्रदेश के आठ करोड़ लोगों के लिए इतना भी नहीं कर सकते कि सदन चल सके. उन्होंने कहा, वे सरकार कि पोल खोलते हैं. इसलिए मुख्यमंत्री उनसे नाराज हैं और जब भी उनकी स्पीच का समय आता है. वे सदन में गतिरोध करवा देते हैं.
सीएम को आगे आकर करना चाहिए प्रयास: उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को आगे आकर चर्चा करनी चाहिए. वे बोले, पिछले कुछ दिनों से एक प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है कि गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली की आपस में नहीं बनती है. हमारा क्या विवाद है. हम तो यहां बैठे हैं. उन्होंने यह भी कहा, सरकार ने पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर उनका संबोधन नहीं होने दिया. अब बजट अभिभाषण पर जवाब का समय आया, तो गतिरोध खत्म नहीं होने देना चाह रहे. जैसे ही जवाब का समय निकला, ये अगले दिन गतिरोध खत्म करवा देंगे. ऐसा नहीं होना चाहिए. कल गतिरोध खत्म होना चाहिए. उनकी (जूली की) भी स्पीच हो और सीएम का भी जवाब आए.