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जोधपुरः MDM अस्पताल में बदइंतजामी से नाराजगी, विरोध में उतरा माहेश्वरी समाज - rajasthan news

जोधपुर में MDM अस्पताल की अव्यवस्थाओं के विरोध में माहेश्वरी समाज सड़क पर उतर गया. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर जांच करने की मांग की है.

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माहेश्वरी समाज का विरोध
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Published : Feb 12, 2020, 6:32 PM IST

जोधपुर. शहर के सबसे बड़े मथुरादास माथुर सरकारी अस्पताल की अव्यवस्थाओं का मामला लगातार सामने आता रहता है. इसको लेकर कई बार हंगामे भी होते हैं. इसी कड़ी में बुधवार को शहर के माहेश्वरी समाज के लोग अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सड़कों पर उतरे और उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.

विरोध में उतरा माहेश्वरी समाज

महेश्वरी समाज के लोगों ने बताया, कि उनके समाज के प्रतिष्ठित भामाशाह कमल की तबीयत खराब होने पर 8 फरवरी को मथुरा दास माथुर अस्पताल लेकर गए थे. जहां उनकी मौत हो गई थी, लेकिन मृत्यु से पहले उनके उपचार को लेकर जो संघर्ष हुआ, वह बहुत ही निंदनीय है.

पढ़ेंः विधानसभा में गूंजा बाल श्रम और मानव तस्करी का मामला, श्रम मंत्री ने जताई यह मजबूरी!

माहेश्वरी समाज के राष्ट्रीय सचिव संदीप काबरा ने बताया, कि जब उनको लेकर गए तो स्ट्रेचर पर गद्दे नहीं थे. ECG मशीन खराब थी, वेंटिलेटर खराब था, डॉक्टर टाइम पर नहीं आ रहे थे. इस कारण अव्यवस्थाओं के बीच कमल की मृत्यु हो गई. संदीप काबरा ने ये भी कहा, कि माहेश्वरी समाज मुक्त हाथों से अस्पताल के विकास के लिए हमेशा धन खर्च करता आया है. लेकिन इस तरह के हालात बहुत ही निंदनीय हैं, सरकार को इस पर ध्यान देना होगा.

समाज के प्रतिष्ठित हरि गोपाल राठी ने कहा, कि ऐसे अस्पतालों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहिए. साथ ही कहा, कि अगर समाज को और खर्च करना है तो वह उसके लिए भी तैयार है. लेकिन अब सरकार को अस्पताल के रखरखाव का जिम्मा सुनिश्चित करना होगा.

जोधपुर. शहर के सबसे बड़े मथुरादास माथुर सरकारी अस्पताल की अव्यवस्थाओं का मामला लगातार सामने आता रहता है. इसको लेकर कई बार हंगामे भी होते हैं. इसी कड़ी में बुधवार को शहर के माहेश्वरी समाज के लोग अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सड़कों पर उतरे और उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.

विरोध में उतरा माहेश्वरी समाज

महेश्वरी समाज के लोगों ने बताया, कि उनके समाज के प्रतिष्ठित भामाशाह कमल की तबीयत खराब होने पर 8 फरवरी को मथुरा दास माथुर अस्पताल लेकर गए थे. जहां उनकी मौत हो गई थी, लेकिन मृत्यु से पहले उनके उपचार को लेकर जो संघर्ष हुआ, वह बहुत ही निंदनीय है.

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माहेश्वरी समाज के राष्ट्रीय सचिव संदीप काबरा ने बताया, कि जब उनको लेकर गए तो स्ट्रेचर पर गद्दे नहीं थे. ECG मशीन खराब थी, वेंटिलेटर खराब था, डॉक्टर टाइम पर नहीं आ रहे थे. इस कारण अव्यवस्थाओं के बीच कमल की मृत्यु हो गई. संदीप काबरा ने ये भी कहा, कि माहेश्वरी समाज मुक्त हाथों से अस्पताल के विकास के लिए हमेशा धन खर्च करता आया है. लेकिन इस तरह के हालात बहुत ही निंदनीय हैं, सरकार को इस पर ध्यान देना होगा.

समाज के प्रतिष्ठित हरि गोपाल राठी ने कहा, कि ऐसे अस्पतालों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहिए. साथ ही कहा, कि अगर समाज को और खर्च करना है तो वह उसके लिए भी तैयार है. लेकिन अब सरकार को अस्पताल के रखरखाव का जिम्मा सुनिश्चित करना होगा.

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