जोधपुर. मुख्यमंत्री गहलोत ने 20 फरवरी को प्रदेश का बजट घोषित किया. इस बजट से हर वर्ग के लोगों को काफी उम्मीद थी. लेकिन इस बजट ने कुछ वर्ग के लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाया. बजट ने अल्पसंख्यक समुदाय को किसी तरह से लाभान्वित नहीं किया.
खास तौर से मदरसा बोर्ड के शिक्षक जो कि संविदाकर्मी अनुबंध पर लगे हैं, उनको कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में नियमित करने और वेतन सुधारने की बात कही थी. लेकिन इसको लेकर कोई भी घोषणा नहीं की है. सिर्फ उन्हें आश्वस्त किया गया और उनके धरने समाप्त कर दिए गए. इसके विरोध में मदरसा बोर्ड के पैराटीचर्स ने बजट की प्रतियां जलाई.
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साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि 24 फरवरी को जयपुर में मदरसा बोर्ड के आगे अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा. जिससे किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. कलेक्ट्रेट पर बजट की प्रतियां जलाते हुए पैराटीचर्स ने कहा कि भाजपा राज ने भी कमेटी बनाकर हमें लटका दिया था. गहलोत सरकार भी हमें टाल रही है. हमारे साथ-साथ प्रदेश के अन्य संविदाकर्मियों के लिए भी सरकार कुछ नहीं कर रही है. जबकि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इसे शामिल किया था.
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लेकिन दो बजट होने के बावजूद इस दिशा में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है. जबकि हम सभी अल्पवेतन भोगी हैं और हमसे सभी तरह के काम लिए जाते हैं. सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में हमारी ड्यूटी अन्य कर्मचारियों की तरह लगाई जाती है. आक्रोशित मदरसा पैराटीचर्स ने कलेक्ट्रेट पर मुखयमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.