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बब्बर शेर रियाज के लिए ढूंढी जा रही है दुल्हनिया, जानें जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क प्रशासन ने किसे भेजा प्रपोजल! - bride proposal for lion riyaz sent to CZA

बब्बर शेर रियाज (Lion Riyaz in Machia Biological Park) अब उम्र के उस पायदान पर है जब उसे एक हमसफर की तलाश है. इस तलाश को पूरा करने की जुगत में उसका पालक यानी माचिया बायोलॉजिकल पार्क (Machia Biological Park Jodhpur) प्रशासन लग गया है. अपने जवान रियाज के लिए बकायदा एक प्रपोजल बना कर भेजा गया है. जिसमें दुल्हनिया लाने की दरख्वास्त की गई है.

Lion Riyaz
जोधपुर के रियाज को दुल्हन की तलाश
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Published : Dec 24, 2021, 1:59 PM IST

जोधपुर. दुनिया भर में शेरों की कम होती संख्या पशु प्रेमियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. वन्य जीव प्रेमी इन्हें बचाने की मुहिम पर भी काम करते रहे हैं. ऐसी ही एक कोशिश जोधपुर का माचिया बायोलॉजिकल पार्क (Machia Biological Park Jodhpur) भी कर रहा है अपने जवान रियाज के लिए. जो अब 4 साल का हो गया है और प्रजनन प्रक्रिया के लिए पूरी तरह से तैयार है.

दरअसल, माचिया जैविक उद्यान (Machia Biological Park Jodhpur) प्रशासन बब्बर शेरों के कुनबे को फलता फूलता देखना चाहता है. यही वजह है कि अपने रौबीले, मजबूत कदकाठी वाले रियाज के लिए अच्छा मैच तलाश रहा है. इसके लिए जू प्रशासन और देश के विभिन्न वन अधिकारियों को अपने रियाज का बायोडाटा बना प्रपोजल सीजेडए भेज (Bride Proposal For Lion Riyaz Sent to CZA) दिया है.

बब्बर शेर रियाज के लिए ढूंढी जा रही है दुल्हनिया

कैसी हो शेरनी?

मचिया जैविक उद्यान (Machia Biological Park Jodhpur) प्रशासन की वधू को लेकर कुछ डिमांड और ख्वाहिश भी है. ख्वाहिश की वजह भी कई हैं. मुख्य वन संरक्षक विजय बोराणा कहते हैं कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि राजस्थान की सीमा से सटे गुजरात से एक शेरनी को जोधपुर लाया जाए. उसके बाद दोनों की ब्रीडिंग करवाई जाए जिससे कि जोधपुर में एक बार फिर से शेरों के कुनबे की संख्या में बढ़ोतरी हो सके. उम्र भी दोनों वर वधू यानी शेर और शेरनी की एक ही हो. शेरनी हेल्थी हो और रियाज को मेटिंग के समय एक्सेप्ट कर सके.

Lion Riyaz in Machia Biological Park
ऐसी होगी दुल्हन तो बनेगी बात

विशेषताओं या ख्वाहिशों में यहीं विराम नहीं लगेगा बल्कि एक सबसे अहम बात और है. बायोलॉजिकल पार्क के डॉक्टरों के अनुसार रियाज की दुल्हनिया का जन्म किसी पार्क के पिंजरे में ही होना आवश्यक है. ऐसा इसलिए क्योंकि रियाज़ भी पिंजरे में पैदा हुआ है जिसके चलते वाइल्डलाइफ में पैदा हुई शेरनी के साथ वह सामंजस्य नहीं बिठा पाएगा.

पढ़ें- Alwar Sariska Tiger Reserve: 3 शावकों का हुआ नामकरण, ST-12 के तीनों शावक मां से हो चुके हैं अलग

पढ़ें- सरिस्का में बाघों की साइटिंग से पर्यटक हो रहे रोमांचित, आज बाघिन ST9 का हुआ दीदार

अपने 3 भाई बहनों को खो चुका है रियाज

जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क (Machia Biological Park Jodhpur) में 4 साल पहले शेरनी आरटी ने चार शावकों को जन्म दिया था. उनमें से एक ही बचा जिसका नाम है रियाज. पार्क की शान रियाज का जन्म 12 मई 2017 को हुआ था. इसका जन्म और उसके बाद पालन पोषण तब सुर्खियों में रहा था. मां ने अचानक जब दूध पिलाना बंद किया था तब वन्य जीव चिकित्सक विशेषज्ञ डॉक्टर श्रवण सिंह राठौड़ ने इसके लिए कई जतन किए. अपने बच्चे की तरह इसका ध्यान रखा. मां के दूध के बदले अमेरिका से पाउडर वाला दूध मंगवाया और रियाज अठखेलियां करते-करते दहाड़ने लगा.

Lion Riyaz
शेरनी मां ने दुत्कारा तो डॉक्टर साहब ने पुचकारा
मंगलवार को रियाज नहीं खाता मांस!

रियाज हफ्ते मंगलवार के दिन मांस नहीं खाता. इसका कारण उसके हाजमे से जुड़ा है. चिकित्सक बताते हैं कि चूंकि रियाज एक स्वस्थ शेर है सो इसके खान पान का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. खाने में प्रतिदिन 8 से 10 किलो मीट दिया जाता है और हफ्ते में एक दिन खाना नहीं दिया जाता. ऐसा सभी मांसाहारी जानवरों के साथ किया जाता है. इससे उनका पाचन तंत्र ठीक से काम करता है.

Lion Riyaz
और इंसानी प्यार से ऐसे बढ़ा रियाज

ये भी पढ़ें- रणथंभौर से लापता Tigers की श्योपुर में तलाश, 2 बाघिन और 4 शावकों को ढूंढ रहा वन विभाग

एक गार्ड सुरक्षा में हमेशा तैनात

रियाज के पिंजरे के पास एक गार्ड हमेशा तैनात रहते है. जो उसकी देखरेख करता है. रियाज पर होने वाले खर्च की बात करें तो एक माह में रियाज पर लगभग 20 से 30 हज़ार रुपए का खर्चा आता है. जिसमें उसके देखने वाले गार्ड के खर्च से लेकर उसके खाने-पीने का खर्च भी शामिल है.

शान है रियाज

रियाज माचिया बायोलॉजिकल पार्क (Machia Biological Park Jodhpur) की शान है. ये Asiatic Lion (बब्बर शेर) नस्ल में आता है. चूंकि ये एशिया में पैदा हुआ जानवर है जिसके चलते इन्हें Asiatic Lion कहा जाता है. प्रदेश की बात करें तो इस नस्ल के शेर पूरे प्रदेश में लगभग 15 ही हैं. जोधपुर, जयपुर, कोटा और उदयपुर में ही इस नस्ल के शेर चिड़ियाघर में बंद हैं. यही वजह है कि रियाज की ब्रीडिंग करवाने के लिए चिड़ियाघर में बंद शेरनी की जरूरत है.

पार्क की शान इस बब्बर शेर की मुरीदों की भी तादाद कम नहीं है. खासतौर पर रियाज को देखने लोग पार्क आते हैं. इससे पार्क प्रशासन की आमदनी भी अच्छी खासी होती है. इसलिए तो शान ही नहीं इस पार्क की आवश्यकता भी है ये बब्बर शेर. तभी तो दुल्हनिया की खोज द्रुत (Bride Proposal For Lion Riyaz Sent to CZA) गति से की जा रही है. ताकि कुनबा बढ़े और इनकी दहाड़ दूर-दूर तक सुनाई दे.

जोधपुर. दुनिया भर में शेरों की कम होती संख्या पशु प्रेमियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. वन्य जीव प्रेमी इन्हें बचाने की मुहिम पर भी काम करते रहे हैं. ऐसी ही एक कोशिश जोधपुर का माचिया बायोलॉजिकल पार्क (Machia Biological Park Jodhpur) भी कर रहा है अपने जवान रियाज के लिए. जो अब 4 साल का हो गया है और प्रजनन प्रक्रिया के लिए पूरी तरह से तैयार है.

दरअसल, माचिया जैविक उद्यान (Machia Biological Park Jodhpur) प्रशासन बब्बर शेरों के कुनबे को फलता फूलता देखना चाहता है. यही वजह है कि अपने रौबीले, मजबूत कदकाठी वाले रियाज के लिए अच्छा मैच तलाश रहा है. इसके लिए जू प्रशासन और देश के विभिन्न वन अधिकारियों को अपने रियाज का बायोडाटा बना प्रपोजल सीजेडए भेज (Bride Proposal For Lion Riyaz Sent to CZA) दिया है.

बब्बर शेर रियाज के लिए ढूंढी जा रही है दुल्हनिया

कैसी हो शेरनी?

मचिया जैविक उद्यान (Machia Biological Park Jodhpur) प्रशासन की वधू को लेकर कुछ डिमांड और ख्वाहिश भी है. ख्वाहिश की वजह भी कई हैं. मुख्य वन संरक्षक विजय बोराणा कहते हैं कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि राजस्थान की सीमा से सटे गुजरात से एक शेरनी को जोधपुर लाया जाए. उसके बाद दोनों की ब्रीडिंग करवाई जाए जिससे कि जोधपुर में एक बार फिर से शेरों के कुनबे की संख्या में बढ़ोतरी हो सके. उम्र भी दोनों वर वधू यानी शेर और शेरनी की एक ही हो. शेरनी हेल्थी हो और रियाज को मेटिंग के समय एक्सेप्ट कर सके.

Lion Riyaz in Machia Biological Park
ऐसी होगी दुल्हन तो बनेगी बात

विशेषताओं या ख्वाहिशों में यहीं विराम नहीं लगेगा बल्कि एक सबसे अहम बात और है. बायोलॉजिकल पार्क के डॉक्टरों के अनुसार रियाज की दुल्हनिया का जन्म किसी पार्क के पिंजरे में ही होना आवश्यक है. ऐसा इसलिए क्योंकि रियाज़ भी पिंजरे में पैदा हुआ है जिसके चलते वाइल्डलाइफ में पैदा हुई शेरनी के साथ वह सामंजस्य नहीं बिठा पाएगा.

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अपने 3 भाई बहनों को खो चुका है रियाज

जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क (Machia Biological Park Jodhpur) में 4 साल पहले शेरनी आरटी ने चार शावकों को जन्म दिया था. उनमें से एक ही बचा जिसका नाम है रियाज. पार्क की शान रियाज का जन्म 12 मई 2017 को हुआ था. इसका जन्म और उसके बाद पालन पोषण तब सुर्खियों में रहा था. मां ने अचानक जब दूध पिलाना बंद किया था तब वन्य जीव चिकित्सक विशेषज्ञ डॉक्टर श्रवण सिंह राठौड़ ने इसके लिए कई जतन किए. अपने बच्चे की तरह इसका ध्यान रखा. मां के दूध के बदले अमेरिका से पाउडर वाला दूध मंगवाया और रियाज अठखेलियां करते-करते दहाड़ने लगा.

Lion Riyaz
शेरनी मां ने दुत्कारा तो डॉक्टर साहब ने पुचकारा
मंगलवार को रियाज नहीं खाता मांस!

रियाज हफ्ते मंगलवार के दिन मांस नहीं खाता. इसका कारण उसके हाजमे से जुड़ा है. चिकित्सक बताते हैं कि चूंकि रियाज एक स्वस्थ शेर है सो इसके खान पान का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. खाने में प्रतिदिन 8 से 10 किलो मीट दिया जाता है और हफ्ते में एक दिन खाना नहीं दिया जाता. ऐसा सभी मांसाहारी जानवरों के साथ किया जाता है. इससे उनका पाचन तंत्र ठीक से काम करता है.

Lion Riyaz
और इंसानी प्यार से ऐसे बढ़ा रियाज

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एक गार्ड सुरक्षा में हमेशा तैनात

रियाज के पिंजरे के पास एक गार्ड हमेशा तैनात रहते है. जो उसकी देखरेख करता है. रियाज पर होने वाले खर्च की बात करें तो एक माह में रियाज पर लगभग 20 से 30 हज़ार रुपए का खर्चा आता है. जिसमें उसके देखने वाले गार्ड के खर्च से लेकर उसके खाने-पीने का खर्च भी शामिल है.

शान है रियाज

रियाज माचिया बायोलॉजिकल पार्क (Machia Biological Park Jodhpur) की शान है. ये Asiatic Lion (बब्बर शेर) नस्ल में आता है. चूंकि ये एशिया में पैदा हुआ जानवर है जिसके चलते इन्हें Asiatic Lion कहा जाता है. प्रदेश की बात करें तो इस नस्ल के शेर पूरे प्रदेश में लगभग 15 ही हैं. जोधपुर, जयपुर, कोटा और उदयपुर में ही इस नस्ल के शेर चिड़ियाघर में बंद हैं. यही वजह है कि रियाज की ब्रीडिंग करवाने के लिए चिड़ियाघर में बंद शेरनी की जरूरत है.

पार्क की शान इस बब्बर शेर की मुरीदों की भी तादाद कम नहीं है. खासतौर पर रियाज को देखने लोग पार्क आते हैं. इससे पार्क प्रशासन की आमदनी भी अच्छी खासी होती है. इसलिए तो शान ही नहीं इस पार्क की आवश्यकता भी है ये बब्बर शेर. तभी तो दुल्हनिया की खोज द्रुत (Bride Proposal For Lion Riyaz Sent to CZA) गति से की जा रही है. ताकि कुनबा बढ़े और इनकी दहाड़ दूर-दूर तक सुनाई दे.

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