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सर्दियों में टिड्डियां जमीन पर नहीं बैठतीं...इसलिए हवाई छिड़काव की जरूरतः टिड्डी नियंत्रण विभाग - Jodhpur news

पश्चिमी राजस्थान में पिछले 9 महीने से लगातार टिड्डियों का आक्रमण जारी है. टिड्डी नियंत्रक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टिड्डी के नियंत्रण के लिए हवाई छिड़काव की जरूरत है. इसके लिए सरकार से उन्नत तकनीक को उपलब्ध कराने की मांग की गई है.

टिड्डी अटैक न्यूज, Grasshopper attack news
टिड्डियों का आक्रमण जारी
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Published : Feb 5, 2020, 10:19 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 10:39 PM IST

जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान में पिछले 9 महीने से लगातार टिड्डियों का आक्रमण जारी है. टिड्डी दल के आक्रमण से रबी की फसल को बहुत नुकसान हुआ. खासतौर पर जो पिंक हॉपर्स आए हैं, उससे बहुत नुकसान हो रहा है. बाड़मेर के चौहटन मंगलवार रात एक टिड्डी दल का अटैक हुआ है, जिस पर कार्रवाई चल रही है.

टिड्डियों का आक्रमण जारी

जोधपुर टिड्डी नियंत्रक विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि 4 दिसंबर से पहले जब भी पाकिस्तान से मीटिंग हुई तो उनका कहना था कि स्थिति नियंत्रण में है. लेकिन 15 दिसंबर को जिस तरीके से टिड्डियों का आक्रमण हुआ, इसकी जानकारी पाकिस्तान से नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि इसके कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा.

पढ़ें- विधानसभा में गूंजेगा 'टिड्डी टेरर' और किसान कर्जमाफी का मुद्दा, विधायकों ने लगाए हजारों सवाल

जोधपुर के टिड्डी चेतावनी संगठन के उपनिदेशक केएल गुर्जर के अनुसार सर्दियों से पहले टिड्डियां खेतों में बैठा करती है, जिनका सफाया हमने किया. सर्दियों में चिड़िया पेड़ों पर बैठती है ऐसे में थोड़ी दिक्कत आई, लेकिन स्प्रे कर इस पर भी नियंत्रण पाया है. गुर्जर ने बताया कि बदलते समय के साथ अगर हमें ड्रोन से स्प्रे करने की सुविधा मिले तो हम इस पर और ज्यादा कठोर नियंत्रण कर सकते हैं. इसके अलावा हेलीकॉप्टर से इस पर करने के लिए भी किट मंगवा रहे हैं. हम चाहते हैं सरकार हमें उन्नत तकनीक उपलब्ध कराएं.

पढ़ें- टिड्डी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विशेष पैकेज की मांग को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

टिड्डी चेतावनी संगठन के उपनिदेशक ने बताया, कि मई-2019 से अब तक 9 महीने में करीब 1500 से 2 हजार दल आए हैं. लेकिन इसके बावजूद विभाग के कर्मचारियों ने किसानों और प्रशासनिक सहयोग से बहुत हद तक इन पर नियंत्रण पा लिया है. गुर्जर ने बताया, कि रबी की फसल को बहुत नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति में जोधपुर जिले में देचू और शेरगढ़ में एक-दो जगह पर होपर्स हैं, इसके अलावा बाड़मेर के चौहटन में मंगलवार रात को एक दल आया है, जिस पर कार्रवाई चल रही है.

जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान में पिछले 9 महीने से लगातार टिड्डियों का आक्रमण जारी है. टिड्डी दल के आक्रमण से रबी की फसल को बहुत नुकसान हुआ. खासतौर पर जो पिंक हॉपर्स आए हैं, उससे बहुत नुकसान हो रहा है. बाड़मेर के चौहटन मंगलवार रात एक टिड्डी दल का अटैक हुआ है, जिस पर कार्रवाई चल रही है.

टिड्डियों का आक्रमण जारी

जोधपुर टिड्डी नियंत्रक विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि 4 दिसंबर से पहले जब भी पाकिस्तान से मीटिंग हुई तो उनका कहना था कि स्थिति नियंत्रण में है. लेकिन 15 दिसंबर को जिस तरीके से टिड्डियों का आक्रमण हुआ, इसकी जानकारी पाकिस्तान से नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि इसके कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा.

पढ़ें- विधानसभा में गूंजेगा 'टिड्डी टेरर' और किसान कर्जमाफी का मुद्दा, विधायकों ने लगाए हजारों सवाल

जोधपुर के टिड्डी चेतावनी संगठन के उपनिदेशक केएल गुर्जर के अनुसार सर्दियों से पहले टिड्डियां खेतों में बैठा करती है, जिनका सफाया हमने किया. सर्दियों में चिड़िया पेड़ों पर बैठती है ऐसे में थोड़ी दिक्कत आई, लेकिन स्प्रे कर इस पर भी नियंत्रण पाया है. गुर्जर ने बताया कि बदलते समय के साथ अगर हमें ड्रोन से स्प्रे करने की सुविधा मिले तो हम इस पर और ज्यादा कठोर नियंत्रण कर सकते हैं. इसके अलावा हेलीकॉप्टर से इस पर करने के लिए भी किट मंगवा रहे हैं. हम चाहते हैं सरकार हमें उन्नत तकनीक उपलब्ध कराएं.

पढ़ें- टिड्डी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विशेष पैकेज की मांग को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

टिड्डी चेतावनी संगठन के उपनिदेशक ने बताया, कि मई-2019 से अब तक 9 महीने में करीब 1500 से 2 हजार दल आए हैं. लेकिन इसके बावजूद विभाग के कर्मचारियों ने किसानों और प्रशासनिक सहयोग से बहुत हद तक इन पर नियंत्रण पा लिया है. गुर्जर ने बताया, कि रबी की फसल को बहुत नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति में जोधपुर जिले में देचू और शेरगढ़ में एक-दो जगह पर होपर्स हैं, इसके अलावा बाड़मेर के चौहटन में मंगलवार रात को एक दल आया है, जिस पर कार्रवाई चल रही है.

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सर्दियों में टिड्डियां जमीन पर नही बैठती इसलिए हवाई छिडक़ाव की जरूरत, लेकिन जिम्मेदार खाली हाथ

9 माह से किसान झेल रहे है हमले

जोधपुर।

पश्चिमी राजस्थान में लगातार पिछले 9 महीने से टिड्डियों का आक्रमण जारी है जोधपुर टिड्डी नियंत्रक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 4 दिसंबर से पहले जब भी पाकिस्तान से मीटिंग हुई तो उनका कहना था कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन 15 दिसंबर को जिस तरीके अनअपेक्षित टिड्डियों के दल आये है इसकी जानकारी पाकिस्तान से नही मिली। जिसके चलते किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ा ।जोधपुर के टिड्डी चेतावनी संगठन के उपनिदेशक केएल गुर्जर के अनुसार सर्दियों से पहले टिड्डियां खेतो में बैठा करती जिनका सफाया हमने किया। सर्दियों में चिड़िया पेड़ों पर बैठती है ऐसे में थोड़ी दिक्कत आई लेकिन हमने स्प्रे कर कर इस पर भी नियंत्रण पाया है गुर्जर बताते हैं कि बदलते समय के साथ अगर हमें ड्रोन से स्प्रे करने की सुविधा मिले तो हम इस पर और ज्यादा कठोर नियंत्रण कर सकते हैं इसके अलावा हेलीकॉप्टर से इस पर करने के लिए भी किट मंगवा रहे हैं हम चाहते हैं सरकार हमें उन्नत तकनीक उपलब्ध कराएं।
संगठन के अनुसार गत वर्ष मई से अब तक 9 माह में करीब 1500 से 2000 दल आये है। लेकिन इसके बावजूद विभाग के कर्मचारियों ने किसानों और प्रशाशनिक सहयोग से बहुत हद तक इन पर नियंत्रण पा लिया है। गुर्जर ने बताया कि रबी की फसल का बहुत खराब हुआ है खासतौर से जो पिंक हॉपर्स आए हैं वह बेहद ज्यादा नुकसानदायक है क्योंकि यह टिड्डी की शैशव अवस्था होती है बाद में परिपक्व होने पर ब्रीडिंग करते है। ऐसे में पिंक होपर्स का भी सफाया किया है। गुर्जर ने बताया कि वर्तमान स्थिति में जोधपुर जिले में देचू और शेरगढ़ में एक दो जगह पर होपर्स हैं इसके अलावा बाड़मेर के चोहटन में कल रात को एक दल आया है इन पर है जिन पर कार्रवाई चल रही है।

बाईट के एल गुर्जर, उपनिदेशक टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर।


Conclusion:
Last Updated : Feb 5, 2020, 10:39 PM IST
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