जोधपुर. एक सरकारी कर्मचारी को निजी व्यक्ति के मार्फत बैंक से लोन लेना महंगा पड़ गया. बैंक में मिले एक व्यक्ति द्वारा लोन दिलाने का भरोसा दिलाया गया. उसने लोन भी दिला दिया. लेकिन लोन के लिए दिए गए गारंटी चैक से ही लोन की राशि खाते में आते ही साफ कर (Loan fraud with govt employee in Jodhpur) दी. इस संबंध में मामला महामंदिर थाने में दर्ज करवाया गया है.
पुलिस ने बताया कि राणाराम विश्नोई वनविभाग में कार्यरत है. लोन लेने के लिए जालौरी गेट स्थित एसबीआई बैंक गए थे. वहां उन्हें निजी बैंक में काम करने वाला भोजासर निवासी किशनाराम कडवासडा मिला. उसने राणाराम को लोन दिलवाने की बात कही. उसने औपचारिकता पूरी कर जयपुर कालवाड रोड एसबीआई बैंक से 10 लाख 27 हजार रुपए का टर्म लोन करवा दिया. यह राशि उसके खाते में में ट्रांसर्फर भी हो गई.
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इसके बाद किशनाराम ने राणाराम से पांच चैक बैंक के लिए. राणाराम ने चैक दे दिए. लोन होने के कुछ दिनों बाद जब राणाराम ने बैंक जाकर राशि निकालनी चाही तो पता चला कि खाते में बैंलेंस ही नहीं है. उसके दिए गए पांच चैक की सहायता से 9 लाख 20 हजार रुपए खाते से निकाल लिए गए.
राणाराम ने परिजनों से बात कर किशनाराम से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उसका फोन बंद आया. पीड़ित ने इस संबंध में महामंदिर थाने में रिपोर्ट देकर मामला दर्ज करवाया. पुलिस किशनाराम की तलाश कर रही है. राणाराम ने बताया कि वह पढ़ा-लिखा नहीं है. इसलिए किशनाराम ने उसके साथ धोखाधड़ी की वारदात कर दी.