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Latest Heart Surgery Technology: एमडीएम हॉस्पिटल में नई तकनीक से हुई हृदय रोगियों की सर्जरी, संक्रमण का खतरा बेहद कम

एमडीएम हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ. सुभाष बलारा, अहमदाबाद के स्टर्लिंग हॉस्पिटल के डॉ. जयदीप रामाणी ने लेटेस्ट सर्जरी तकनीक (Latest Heart Surgery Technology) से बाईपास व वाल्व सर्जरी करने में सफलता हासिल की है. इस तकनीक (Endoscopic Access Minimally Invasive Bypass Surgery) के चलते मरीज को किसी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं होता और जल्द डिस्चार्ज किया जा सकता है.

Minimally invasive heart surgery
मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी
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Published : Dec 4, 2021, 4:28 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 6:22 PM IST

जोधपुर. एमडीएम हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ. सुभाष बलारा, स्टर्लिंग हॉस्पिटल, अहमदाबाद के डॉ. जयदीप रामाणी एवं उनकी टीम ने आधुनिक तकनीक (Latest Heart Surgery Technology) बाईपास व वाल्व सर्जरी सफलतापूर्वक की गई. अब तक इस तकनीक (Endoscopic Access Minimally Invasive Bypass Surgery) से 1500 रोगियों की सर्जरी की जा चुकी है.

चिकित्सकों का कहना है कि सर्जरी के बाद सभी मरीज जल्दी स्वस्थ हो गए और खास बात यह है कि इस सर्जरी से पुराने तरीके से सर्जरी के मुकाबले काफी कम दर्द होता है. साथ ही मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी (Minimally invasive heart surgery) से बाईपास, वाल्व बच्चों के अन्य कार्डियक सर्जरी सफलतापूर्वक कर सकते हैं. अभी तक इस सर्जरी से जयदीप रामाणी (MICS) सर्जरी के विशेषज्ञ हैं. इन्होंने 1500 रोगियों का इस आधुनिक तकनीक से ऑपरेशन करके रोगियों को लाभ पहुंचाया है.

नई तकनीक से हुई हृदय रोगियों की सर्जरी

पढ़ें: Neha Kakkar In Jodhpur: बॉलीवुड सिंगर पति संग आई नजर, मेहरानगढ़ फोर्ट की रॉयल वेडिंग में देंगी Performance

डॉ बलारा ने बताया कि इस सर्जरी के बाद मरीज को किसी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं होता. साथ ही हड्डी को काटने की जरूरत नहीं पड़ती. ऑपरेशन के तुरंत बाद मरीज को वेंटीलेटर से हटा दिया जाता है. इस तकनीक से लकवा होने के चांस भी काफी कम होते हैं. बलारा ने बताया कि राजस्थान सरकार की चिरंजीवी बीमा स्वास्थ्य योजना के तहत भी मरीज इस तकनीक से ऑपरेशन करवा सकते हैं. हृदय रोग की इस नवीन तकनीक को लेकर कार्डियोलॉजी विभाग ने जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज सहित सभी वरिष्ठ चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया है.

जोधपुर. एमडीएम हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ. सुभाष बलारा, स्टर्लिंग हॉस्पिटल, अहमदाबाद के डॉ. जयदीप रामाणी एवं उनकी टीम ने आधुनिक तकनीक (Latest Heart Surgery Technology) बाईपास व वाल्व सर्जरी सफलतापूर्वक की गई. अब तक इस तकनीक (Endoscopic Access Minimally Invasive Bypass Surgery) से 1500 रोगियों की सर्जरी की जा चुकी है.

चिकित्सकों का कहना है कि सर्जरी के बाद सभी मरीज जल्दी स्वस्थ हो गए और खास बात यह है कि इस सर्जरी से पुराने तरीके से सर्जरी के मुकाबले काफी कम दर्द होता है. साथ ही मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी (Minimally invasive heart surgery) से बाईपास, वाल्व बच्चों के अन्य कार्डियक सर्जरी सफलतापूर्वक कर सकते हैं. अभी तक इस सर्जरी से जयदीप रामाणी (MICS) सर्जरी के विशेषज्ञ हैं. इन्होंने 1500 रोगियों का इस आधुनिक तकनीक से ऑपरेशन करके रोगियों को लाभ पहुंचाया है.

नई तकनीक से हुई हृदय रोगियों की सर्जरी

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डॉ बलारा ने बताया कि इस सर्जरी के बाद मरीज को किसी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं होता. साथ ही हड्डी को काटने की जरूरत नहीं पड़ती. ऑपरेशन के तुरंत बाद मरीज को वेंटीलेटर से हटा दिया जाता है. इस तकनीक से लकवा होने के चांस भी काफी कम होते हैं. बलारा ने बताया कि राजस्थान सरकार की चिरंजीवी बीमा स्वास्थ्य योजना के तहत भी मरीज इस तकनीक से ऑपरेशन करवा सकते हैं. हृदय रोग की इस नवीन तकनीक को लेकर कार्डियोलॉजी विभाग ने जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज सहित सभी वरिष्ठ चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया है.

Last Updated : Dec 4, 2021, 6:22 PM IST
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