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jodhpur news: निःशुल्क दवा योजना के दावे जोधपुर में हारे, मरीजों को बाहर से लानी पड़ रही दवाइयां - ETV Bharat rajasthan news

मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत अस्पतालों में दवाइयों की कमी बनी हुई है. पुरी दवाइयां अस्पताल से निःशुल्क नहीं मिलने की शिकायतें लगातार मिल आ रही हैं. मरीजों को कुछ दवाइयां नि:शुल्क देने के बाद बची दवाइयां बाहर (Patients have to go out to get medicine) से खरीदने के लिए बोला जा रहा है.

Mukhyamantri Nishulk Dava Yojna
मुख्यमंत्री निशुल्क दवा काउंटर पर दवा लेते लोग
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Published : Apr 16, 2022, 6:09 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 10:29 PM IST

जोधपुर. मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत अस्पतालों में दवाइयों की कमी बनी हुई है. आलम यह है कि चाहे ओपीडी का मरीज हो या आईपीडी का किसी को भी पूरी दवाइयां अस्पताल से नि:शुल्क नहीं मिलने की शिकायतें लगातार आ रही हैं. कुछ दवाइयां मिलने के बाद बची हुई दवाइयां (Patients have to go out to get medicine) खरीदने के लिए उन्हें बाहर भेजा जा रहा है. यह आलम तब है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक अप्रैल से पूरी तरह से नि:शुल्क उपचार की घोषणा की थी. जो अब एक मई से लागू होगी.

इस दौरान अस्पतालों को व्यवस्थाएं करनी है. लेकिन दस साल से चल रही नि:शुल्क दवा योजना के बावजूद पूरी दवाइयां कभी भी मरीजों को मुफ्त में नहीं मिलती. संभाग के मथुरादास माथुर अस्पताल के मरीजों का कहना था कि नि:शुल्क दवा काउंटर पर किसी को भी सभी दवाइयां मुफ्त नहीं मिल रही हैं. हर पर्ची में दो से तीन दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं. यह क्रम लंबे समय से चल रहा है. बोरोनाडा फैक्ट्री में काम करने वाले गोर्वधन का कहना था कि उसे चार दवाइयां लिखी दो बाहर से लेनी है. इसी तरह से भूरी देवी को तीन दवाइयां बाहर लेने के लिए भेजा गया. लीना देवी का कहना है कि उन्हें दो दवा लिखी वह भी नहीं मिली. इसमें भी एक दवाई बाहर से लेने के लिए बोला गया है.

मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत अस्पतालों में दवाइयों की कमी

पढ़े:सेहत सुधारो सरकार : मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना की हालत पस्त, मरीजों को अस्पतालों में नहीं मिल रहीं पूरी दवाइयां

विभाग के सचिव ने ली वीसी: शनिवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कॉलेज के प्राचार्य व अधीक्षक से अस्पतालों में नि:शुल्क दवाइयों की उपलब्धता को लेकर बात की. उन्होंने निर्देश दिए कि मरीज को किसी भी सूरत में दवाई के लिए बाहर नहीं भेजा जाए, यह सुनिश्चित करें. अगर दवाई नहीं है तो उसका विकल्प उपलब्ध करवाए जाएं. एमडीएम अधीक्षक डॉ एमके आसेरी ने बताया कि नि:शुल्क दवाइयों की उपलब्धता में जो परेशानी है उसे दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. किसी भी मरीज को बाहर से दवाई नहीं लानी पडे़, इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं. भर्ती मरीज के परिजन को अब दवाई लेने काउंटर पर नहीं जाना होगा, स्टाफ लाएगा. साथ ही हमारे नि:शुल्क काउंटर 24 घंटे खुलें इसकी तैयारी कर रहे हैं.

जोधपुर. मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत अस्पतालों में दवाइयों की कमी बनी हुई है. आलम यह है कि चाहे ओपीडी का मरीज हो या आईपीडी का किसी को भी पूरी दवाइयां अस्पताल से नि:शुल्क नहीं मिलने की शिकायतें लगातार आ रही हैं. कुछ दवाइयां मिलने के बाद बची हुई दवाइयां (Patients have to go out to get medicine) खरीदने के लिए उन्हें बाहर भेजा जा रहा है. यह आलम तब है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक अप्रैल से पूरी तरह से नि:शुल्क उपचार की घोषणा की थी. जो अब एक मई से लागू होगी.

इस दौरान अस्पतालों को व्यवस्थाएं करनी है. लेकिन दस साल से चल रही नि:शुल्क दवा योजना के बावजूद पूरी दवाइयां कभी भी मरीजों को मुफ्त में नहीं मिलती. संभाग के मथुरादास माथुर अस्पताल के मरीजों का कहना था कि नि:शुल्क दवा काउंटर पर किसी को भी सभी दवाइयां मुफ्त नहीं मिल रही हैं. हर पर्ची में दो से तीन दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं. यह क्रम लंबे समय से चल रहा है. बोरोनाडा फैक्ट्री में काम करने वाले गोर्वधन का कहना था कि उसे चार दवाइयां लिखी दो बाहर से लेनी है. इसी तरह से भूरी देवी को तीन दवाइयां बाहर लेने के लिए भेजा गया. लीना देवी का कहना है कि उन्हें दो दवा लिखी वह भी नहीं मिली. इसमें भी एक दवाई बाहर से लेने के लिए बोला गया है.

मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत अस्पतालों में दवाइयों की कमी

पढ़े:सेहत सुधारो सरकार : मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना की हालत पस्त, मरीजों को अस्पतालों में नहीं मिल रहीं पूरी दवाइयां

विभाग के सचिव ने ली वीसी: शनिवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कॉलेज के प्राचार्य व अधीक्षक से अस्पतालों में नि:शुल्क दवाइयों की उपलब्धता को लेकर बात की. उन्होंने निर्देश दिए कि मरीज को किसी भी सूरत में दवाई के लिए बाहर नहीं भेजा जाए, यह सुनिश्चित करें. अगर दवाई नहीं है तो उसका विकल्प उपलब्ध करवाए जाएं. एमडीएम अधीक्षक डॉ एमके आसेरी ने बताया कि नि:शुल्क दवाइयों की उपलब्धता में जो परेशानी है उसे दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. किसी भी मरीज को बाहर से दवाई नहीं लानी पडे़, इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं. भर्ती मरीज के परिजन को अब दवाई लेने काउंटर पर नहीं जाना होगा, स्टाफ लाएगा. साथ ही हमारे नि:शुल्क काउंटर 24 घंटे खुलें इसकी तैयारी कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 16, 2022, 10:29 PM IST
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