जोधपुर. शहर को 214 रैंक की सुधार के साथ 'फास्टेस्ट मूविंग शहर' का अवार्ड प्राप्त हुआ है. शहर को साल 2018 में शहर की 188वीं रैंक थी. निगम आयुक्त सुरेश कुमार ओला के नेतृत्व में इस बार नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रत्येक पहलू पर काम किया. आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने बताया कि विभिन्न नवाचारों के साथ-साथ शहर की जनता की सकारात्मक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया गया.
सिटीजन फीडबैक में शहर की जनता ने अपनी सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित करते हुए शहर को सिटीजन फीडबैक में राजस्थन में नंबर 1 बनाया. आयुक्त ओला ने जोधपुर शहर को यह मान सम्मान दिलाने के लिए शहरवासियों का आभार जताया. साथ ही इस सम्मान को नगर निगम के स्वच्छता सिपाहियों, निगम अधिकारियों, कर्मचारियों और शहर की जनता को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि हमारे स्वच्छता सिपाहियों ने दिन रात मेहनत कर शहर को स्वच्छ बनाने का प्रयास किया तो वहीं शहरवासियों ने भी निगम का पूरा सहयोग किया. सभी के सम्मिलित प्रयासों से ही शहर को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है.
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ओला ने शहरवासियों से इसी तरह निगम का सहयोग करने की अपील की है. स्वच्छता सर्वेक्षण- 2020 पुरस्कार समारोह में जोधपुर शहर की तरफ से आयुक्त सुरेश कुमार ओला, अधीक्षण अभियंता समपत मेघवाल, स्वास्थ्य अधिकारी सचिन मौर्य, अधिशाषी अभियंता संजय पुरोहित, सहायक अभियंता अंकित पुरोहित, कनिष्ठ अभियंता गिरीश पुरोहित और स्वास्थ्य निरीक्षक रविन्द्र ओटवाल व दिपेश गहलोत उपस्थित रहे.
स्वच्छता सर्वेक्षण के हर पहलू में जोधपुर ने मारी बाजी
आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने बताया कि नगर निगम में कार्यरत 4 हजार स्वच्छता सैनिक, वार्ड प्रभारियों और मुख्य सफाई निरीक्षकों द्वारा अहम भूमिका निभाते हुए जोधपुर शहर को अव्वल बनाया गया. ओला ने बताया कि स्वच्छता सैनिकों द्वारा शहर के मुख्य चौराहों और विभिन्न स्थानों पर बनाई गई रंगोलियों/मंडनो ने शहर को अप्रितम आभा प्रदान की, जिस कारण जोधपुर शहर को फील्ड ओबेरबशन में 1500 में 1045 अंक प्राप्त हुए. इसके अतिरिक्त डोर-टू-डोर व्यवस्था प्रारंम्भ कर GPS से ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा रही है.
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आयुक्त ने बताया कि शहर में प्लास्टिक रोकथाम के लिए जूट के थैले वितरित किए गए. वर्तमान में शहर में दो मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी चलाने वाला जोधपुर राज्य में दूसरा शहर है, जिसमें कचरे को पृथककरण के माध्यम से विभिन्न स्ट्रीम में भेजा जाता है. इस कार्य में कचरा बीनने वालों को रोजगार और निगम को प्रतिमाह आय भी हो रही है. इस साल जोधपुर शहर को 6 हजार में से कुल 3 हजार 615 अंक प्राप्त हुए. वहीं साल 2019 में हुए सर्वे में शहर को 2 हजार 091 अंक प्राप्त हुए थे.