जोधपुर. हत्या के आरोप में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के निवासी और सजायाफ्ता दो बंदियों के पैरोल पर जाने के बाद वापस नहीं आने के मामले में बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक प्रशांत कुमार को राजस्थान हाई कोर्ट में पेश होना पड़ा है.
इस मामले को लेकर 10 सुनवाई हो चुकी हैं. इस दौरान राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को तलब किया था. सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि प्रदेश में गणेश महोत्सव और मोहर्रम की तैयारियों के बीच डीजीपी मुख्यालय नहीं छोड़ सकते थे. इसलिए एडीजी को भेजा गया है. इस पर कोर्ट ने संतुष्टि जाहिर की, लेकिन सवाल किया कि अब तक पुलिस दोनों आरोपियों को क्यों नहीं पकड़ पाई है.
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इस पर कोर्ट को बताया गया कि एक बार पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था और उसे लेकर राजस्थान आ रही थी. लेकिन दिल्ली में वह फिर भाग निकला. इसको लेकर दिल्ली में भी एक मामला दर्ज है. उन्होंने कोर्ट में बताया कि पुलिस जल्द कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार करेगी. हाईकोर्ट ने इस पर यूपी पुलिस को 1 माह का समय दिया और कहा कि जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर इसके कारण की जानकारी देनी होगी. कोर्ट में यह सुनवाई जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ कर रही है. साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को पेश होने से मुक्त कर दिया है.
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गौरतलब है कि जोधपुर जेल में हत्या के आरोप में बंद आरोपी किरनपाल और लोकेंद्र को 2007 में पैरोल मिली थी. लेकिन पैरोल अवधि पूरी होने के बावजूद दोनों वापस नहीं आए. इसको लेकर उत्तरप्रदेश पुलिस से कई बार पत्र व्यवहार किया गया, लेकिन इसमें कोई प्रगति नहीं हुई.
जिसके बाद नवंबर 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया के नाम नोटिस भेजकर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करने को कहा गया. लेकिन इसको लेकर कोई गंभीर प्रयास की जानकारी उत्तर प्रदेश पुलिस से नहीं मिली. इसके बाद इस वर्ष जनवरी में सुनवाई के बाद मार्च में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कंप्लाइंस रिपोर्ट पेश की. मामले की पिछले सुनवाई में कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे.