जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर में बीते चार दिनों से एनसीबी (Narcotics Control Bureau) चर्चा में है. यहां एक मार्बल व्यापारी के अपहरण और उससे अवैध वसूली को लेकर चल रहे मामले में एनसीबी व पुलिस आमने-सामने हैं. घटना के दिन के हालात और साक्ष्य से एनसीबी के तीन कार्मिक शक के दायरे में हैं. उनके खिलाफ मामला भी दर्ज हो चुका है. घटना के दिन पुलिस द्वारा सभी को थाने लाने पर एनसीबी के कार्मिक द्वारा व्यापारी के साथ मारपीट करने का वीडियो, 20 लाख रुपए मांगने का आडियो सहित कई बातें एनसीबी पर सवाल खड़े कर रही हैं.
अब यह भी सामने आया है कि व्यापारी के पास जो पांच लाख रुपए थे वह तो एनसीबी के कार्मिकों ने खुद ही रख लिए थे. उसके बाद 15 लाख रुपए और मांगे थे. एनसीबी के कार्मिक इतने बेखौफ थे कि 15 लाख की डील करने के लिए व्यापारी के भाई से अशोक उद्यान के पास मिले. उसके बाद रुपए लेने के लिए भी आ गए. उस समय कुलदीप 15 की जगह पांच लाख रुपये ही लाया था. उस समय पुलिस ने पकड़ लिया था. कुलदीप द्वारा लाए गए पांच लाख रुपए पुलिस के पास हैं, लेकिन जो पांच लाख रुपए सुमेराराम की गाड़ी में थे उनका अभी पता नहीं चला है.
माना जा रहा है कि एनसीबी कार्मिकों ने बकाया 15 लाख लेने आने से पहले जब पूरे शहर में करीब नौ से दस घंटे सुमेराराम को लेकर घूमे थे. पैसा उस समय ही गायब कर दी. सुमेराराम का कहना है कि उसके रुपए का अभी तक पता नहीं है. 15 लाख रुपए रुपए लेने के लिए आने से पहले तक उसे नौ से दस घंटे तक लेकर जोधपुर में घुमाते रहे. कभी सुमेराराम को एनसीबी की गाड़ी टाटा सूमो में बिठाया तो कभी उसकी ब्रेजा कार में. इस दौरान रुपए मांगने के लिए ही उससे व्हाट्सअप कॉल करवाए. रात दो बजे बाद जब कुलदीप पांच लाख रुपए रुपए लेकर अशोक उद्यान के पीछे पहुंचा, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने के डीओ पूनाराम पहुंच गए और उसे एनसीबी के कार्मिकों से छुड़वाया और सभी को थाने लेकर आ गए. इसे मामले में एनसीबी ने अपनी झेंप मिटाते हुए पुलिस पर ही आरोप जड़ते हुए अफीम खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दी है. सुमेराराम को सेामवार शाम को राजसमंद से आते हुए पाली टोल नाके पर एनसीबी के कार्मिकों ने पकड़ा था.
सबकुछ FSL की जांच पर निर्भर : पूरे मामले में पुलिस का शिकंजा एनसीबी के कार्मिकों पर कसता जा रहा है. पुलिस सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस रिकॉर्ड पर लेकर जांच कर रही है. मामला पूरा एफएसएल की रिपोर्ट पर अटका हुआ है. एनसीबी ने सुमेराराम की गाड़ी में अफीम होने का दावा किया है. इसलिए गाड़ी के पार्ट्स एफएसएल जांच के लिए भेजे गए हैं. अगर एफएसएल की जांच में अफीम होने की बात भी सामने आती भी है तो सुमेराराम के लिए परेशानी होगी. लेकिन एनसीबी के कार्मिकों की परेशानी कम नहीं होगी. क्योंकि एनसीबी के नियमानुसार मादक पदार्थ की कार्रवाई मौके पर ही पूरी की जाती है. इसका कार्मिकों ने उल्लंघन किया.
एनसीबी के कार्मिक सुमेराराम को लेकर रात को नौ घंटे तक घूमते रहे, जिसका मामला चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में दर्ज है. अगर अफीम थी तो कार्रवाई क्यों नहीं की. या तो कार्मिकों ने मिलीभगत कर खुदबुर्द कर दी या उसकी बरामदगी नहीं हुई. लेकिन दबाव बनाकर वसूली के लिए उसे लेकर घूमते रहे. यह सब एफएसएल की रिपोर्ट तय करेगी. इधर सुमेराराम का कहना है कि एनसीबी के लोगों ने मेरे साथ रात को मारपीट भी की और मेरे घरवालों पर रुपए देने का दबाव बनाया था. मुझे अपनी गाड़ी में बैठाकर मेरी कार लेकर घूमते रहे. रात दो बजे जब रुपए लेने पहुंचे तो पुलिस ने मुझे छुड़ाया.
डील करने भी अशोक उद्यान आए थे : सामान्यत: एनसीबी का नियम है कि वह मादक पदार्थ की सीजिंग व गिरफ्तारी की कार्रवाई मौके पर ही करती है. लेकिन इस मामले में एनसीबी कार्मिकों की गतिविधियां इसलिए भी संदेह के घेरे में हैं कि जब सोमवार शाम को उन्हें सुमेरराम की गाड़ी में अफीम की सूचना मिली थी तो उसे लेकर रात नौ बजे अशोक उद्यान क्यों आए ? पाली टोल नाके पर ही कार्रवाई करनी थी. चौपासनी हाउंसिंग बोर्ड थाने में दर्ज एफआईआर में सुमेराराम के भाई कुलदीप ने लिखा है कि रात नौ बजे ब्रेजा कार लेकर आए उसमें उसका भाई सुमेर बैठा था. 20 लाख रुपए की मांग रखी. इस डील के लिए हां भरी तो उसके बाद वापस चले गए, फिर फोन पर बात हुई. मंगलवार अलसुबह दो बजे बाद वापस रुपए लेने पहुंचे तब पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. पुलिस को सूचित करने से पहले कुलदीप व उसके परिजनों ने एसीबी से भी संपर्क किया था, लेकिन वे रात के समय मदद के लिए उपलब्ध नहीं हुए.
भगवान सहाय ने की मारपीट : एनसीबी के तीन कार्मिक थे, लेकिन कार में एक साथ तीनों लंबे समय तक नहीं बैठे. अशोक उद्यान के पीछे जब पुलिस ने पकड़ा था तो तब भी गाड़ी में एनसीबी के सीआई खिंयाराम व सिपाही भागीरथ ही थे. पुलिस इन दोनों व सुमेरराम को लेकर थाने आ गई. इसकी जानकारी एनसीबी के तीसरे कार्मिक एसआई भगवान सहाय को लग गई. वह थाने पहुंचा तो वहां बाहर कुलदीप व सुमेराराम खड़े थे. कुलदीप ने बताया कि भगवान सहाय ने सुमेरराम के साथ मारपीट की, जिसका वीडियो बना लिया. यह वीडियो भी पुलिस के कब्जे में है.
WhatsApp कॉल किया रिकॉर्ड : एनसीबी कार्मिकों ने सोमवार शाम करीब पांच बजे सुमेराराम को (NCB Under Suspicion in Jodhpur) राजसमंद से आते हुए पाली टोल नाके पर रोक कर उसकी गाड़ी में बैठ गए थे. उसके साथ मारपीट की. उसके बाद उसे लेकर घूमते रहे. धमकाया कि 30 लाख रुपए नहीं दिए तो अफीम तस्करी में फंसा देंगे. उसका फोन बंद कर दिया. जब सुमेराराम ने घरवालों से रुपए मंगवाने के लिए हां भरी तो उसके फोन से व्हाट्सएप कॉल करवाया.
कुलदीप के पास पहला सोमवार को शाम छह बजकर आठ मिनट पर आया, तब सुमेराराम ने उसे बताया उसके साथ क्या हो रहा है. इसके बाद कई बार बात हुई. अंतिम बात का आडियो वायरल हुआ, जिसमें एनसीबी कार्मिक कह रहा है कि 20 लाख रुपए ही चाहिए. रात दो बजे फोन चालू होगा, रुपए हो जाए तो ले आना नहीं तो मत आना. इस तरह की कई रिकॉर्डिंग पुलिस के पास है. एसीपी प्रेमधनदे का कहना है हम फॉरेसिंक जांच करवाएंगे, जरूरत पड़ी तो वायस सैंपल भी लेंगे.