जोधपुर. सोमवार रात को हुए बवाल के बाद मंगलवार को हुई छुटपुट हिंसा को लेकर पुलिस की विफलता सामने आ रही है. मंगलवार रात को पुलिस कमिश्नर ने खुद ही माना कि जितनी भीड़ थी उतना पुलिस बल तैनात नहीं था. एडीजे लॉ एंड आर्डर हवासिंह घुमरिया ने भी माना खामियां थीं और उनकी जांच की बात भी कही. अब वही बातें शहर के कई लोग कह रहे हैं. भीतरी शहर के पुष्करणा ब्राह्मण बहुल इलाके में आज मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla In Jodhpur After Violence) को भेजा गया.
मंत्री ने गली-गली लोगों के घर जाकर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ है और दोषियों के खिलाफ पूरी कार्रवाई की जाएगी. पीड़ितों की सुरक्षा का ध्यान रखेगी. इस दौरान लोगों ने मंत्री को खरी-खरी सुनाई (Jodhpur Public Out Burst ) भी. जिन लोगों ने मंगलवार दोपहर में जो मंजर देखा था वो आज भी भयभीत हैं खासतौर से महिलाएं. मन में धर्म को लेकर कोई मैल नहीं लेकिन प्रशासन की लेटलतीफी पर खफा हैं. मोहल्ला कह रहा है कि हम अनसेफ हैं. 12:00 बजे के बाद कुछ भी हो सकता है. कर्फ्यू है तो शायद मामला शांत है क्या पता कल को हटे तो सूरत बदल जाए.
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पड़ोसियों ने भी नहीं रखा मान: मोहल्ले के रहवासी सकते में हैं और मायूस हैं. कहते हैं हैरानी होती है जो पड़ोसी थे अचानक उनके हाथों में पत्थर कहां से आ गए. जो हमारे पड़ोसी थे हमारे घर के पीछे रहते थे वह पत्थर मारने आ गए. हमें धमकी दी है कि अगर किसी ने मुंह खोला ठीक नहीं होगा. ऐसे में अपनी सुरक्षा को लेकर हम आशंकित हैं. लोगों का कहना है कि इस पूरे मामले में देरी की गई और इसके लिए कहीं न कहीं सरकार ने कोताही बरती.
पुलिस कार्रवाई पर सवाल: शहर वासियों ने स्पष्ट कहा कि सोमवार रात को जो घटना हुई उसके बाद समय रहते अगर पुलिस बड़ा एक्शन लेती तो शायद माहौल इतना न बिगड़ता. उनका तर्क है कि रात को ही कर्फ्यू या बड़ी फोर्स लग दी जाती तो मामला सम्भल जाता. लोगों को लगता है कि उनके साथ ज्यादती हुई है. कहते हैं कि पुलिस को फिक्र दोनों पक्षों की होनी चाहिए थी. पुलिस रिवायतन महज एक समारोह को निपटाने में लगी रही.